" वास्तविकता"
मैं भाव से भरी हूँ,
वेदना से अति हूँ l
मैं राग की रागिनी,
ज़िंदगी की गति हूँ l
मुझे है नहीं आज,
परवाह अपनी l
मैं बन कर चली,
रब की ही बंदिनी हूँ l
चुभन साथ लेकर,
मैं पग पग चली हूँ l
चुभन ही बनी है,
मेरी आत्मशक्ति l
मैं भाव से भरी हूँ,
वेदना से अति हूँ l
मैं राग की रागिनी,
ज़िंदगी की गति हूँ l
बदल डालूँ जीवन,
भला अपना कैसे ?
जियूँ ,सादगी को ,
. मिटाकर के कैसे ?
तपन, त्याग, तप से,
लिया आत्म सम्बल l
मैं रजनी की विरह,
समेटे चली हूँ l
तपन आग हिय में,
जला कर जली हूँ l
मैं भाव से भरी हूँ,
वेदना से अति हूँ l
मैं राग की रागिनी,
ज़िंदगी की गति हूँ l
रश्मि पाण्डेय
ARP, मलवां,
बिंदकी, फतेहपुर
9452663203