स्वच्छता अभियानः शौचालय निर्माण में लाखों के घोटाले का अंदेशा, मुख्यमंत्री पोर्टल में शिकायत
आधा सैकड़ा से अधिक शौंचालयों के अूधरे निर्माण पर आहरित की गई पूरी राशि
न गड्ढा बनाया, न ही लगाई सीट, केवल दीवाल खड़ी कर आहरित कर ली गई राशि, ग्रामीण
कूड़ादान कूड़े में शौचालय घूरे में, चौंकिए मत साहब यह विकास खंड विजयीपुर का आदर्श गांव रामपुर है
फतेहपुर।प्रधानमंत्री के राष्ट्रव्यापी स्वच्छता अभियान के तहत शुरू खुले में शौच मुक्त भारत योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। इसकी परत-दर-परत अब खुलने लगी है। बताया जा रहा है कि शौचलाय ज्यादातर मामलो में शौचालयों का निर्माण ही नहीं हुआ, जहां कहीं इसकी शुरूआत भी हुई तो महज कागजी खानापूर्ती तक ही सीमित रहा। लेकिन योजना मत की पूरी धनराशि जरूर निकाल ली गई। बता दें कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत वर्ष 2017-18 में जिला प्रशासन ने ग्राम पंचायतों के माध्यम से गांवों में घर-घर शौचालय निर्माण का अभियान शुरू किया। खूब प्रचार-प्रसार हुआ। कहा गया कि अब कोई खुले में शौच करने नहीं जाएगा। बैनर-पोस्टर लगाए गए। वॉल राइटिंग हुई। कइयों पर जुर्माना भी लगा। लेकिन इसकी हकीकत बताता है विकास खंड विजयीपुर जिसके अंतर्गत ग्राम पंचायत रामपुर में स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौंचालय निर्माण के करीब आधा सैकड़ा से अधिक लाभार्थियों के शौंचालय निर्माण की राशि का आहरण तो कर लिया गया, लेकिन शौंचालय निर्माण नहीं किया गया, जहां कहीं शुरूआत हुई भी उसे भी आधा अधूरा ही छोड़ दिया गया है। लोगों की शिकायत पर मीडिया ने गांव की पड़ताल की तो चौंकाने वाला सच सामने आया। यहां करीब आधा सैकड़ा से अधिक शौंचालय आधे अधूरी स्थिति में मिले। किसी शौंचालय की केवल दीवार खड़ी मिली तो, किसी में गड्ढे ही नहीं बनवाए गए थे। किसी शौंचालय में सीट नहीं लगी तो किसी में दरवाजे ही नहीं लगाए गए थे। लाभार्थियों राम आसरे निषाद, महेश कुमार, शिवपूजन आदि ने बताया कि शौंचालय निर्माण की पूरी राशि तत्कालीन ग्राम प्रधान-सचिव वर्तमान ग्राम प्रधान द्वारा मिलीभगत से आहरित कर ली गई है। लेकिन शौंचालय का निर्माण कार्य पूरा नहीं किया गया, जिससे अधूरे शौंचालय कबाड़ की स्थिति में पड़े हुए हैं और इनका उपयोग नहीं हो पा रहा है। साथ ही गांव के कई मुख्य मार्ग में जलभराव रहता है जिससे पैदल चलना भी दूभर हो गया है।