पुलिस का पत्रकारों के प्रति व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण

 पुलिस का पत्रकारों के प्रति व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण



फतेहपुर।पुलिस और पत्रकारों का रिश्ता चोली और दमन का रिश्ता माना जाता है तथा दोनों ही समाज के आवश्यक अंग है जहां एक ओर पुलिस समाज को सुरक्षा की भावना उत्पन्न करती है तो वहीं दूसरी ओर एक पत्रकार अपनी कलम से सामाजिक विषमताओं और घटनाओं को निष्पक्षता के साथ निडर होकर उजागर करने का काम करता है पुलिस और पत्रकार दोनों एक दूसरे के पूरक है किंतु दिन प्रतिदिन पुलिस का पत्रकारों के प्रति व्यवहार एक बड़ा सवाल बन गया है पिछले कुछ समय से पत्रकारों के प्रति पुलिस का व्यवहार बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक रहा है जिसके चलते पत्रकार के मान सम्मान को ठेस पहुंची है! कुछ पुलिसकर्मी पत्रकारों से दुर्व्यवहार कर पूरे पुलिस विभाग कि साख को पलीता लगाने का काम कर रहे हैं हाल ही में भी पत्रकारों के प्रति पुलिस कर्मियों का दुर्भाग्य पूर्ण व्यवहार देखने को मिला जिसमें आला अधिकारियों पर मामला संज्ञान में आने के बाद मामले का  पटाक्षेप भी कर दिया गया! किंतु गलती करके माफी मांगना कुछ हद तक तो सही है किंतु इस तरह की घटनाएं पिछले कुछ समय से  काफी देखने को मिल रही है जिसमें पत्रकारों द्वारा  थानो, चौकियों, तथा सूचना एकत्रित करते समय  पुलिस कर्मी द्वारा पत्रकारों से दुर्भाग्यपूर्ण और निराशाजनक व्यवहार किया जाता रहा है तथा आला अधिकारियों को मामला संज्ञान में आने पर मामले को रफा-दफा भी कर दिया जाता है! यदि कोई पत्रकार किसी पीड़ित पक्षकार की ओर से या किसी मामले में थाने या चौकियों से जानकारी एकत्रित करने जाता है तो उससे ऐसा व्यवहार किया जाता है मानो उसने बहुत बड़ा अपराध कर दिया हो! प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा भी पत्रकारों से सम्मान पूर्वक व्यवहार करने के लिए समय-समय पर पुलिस विभाग को चेताया गया है किंतु धरातल परिस्थिति बहुत ही निंदनीय है! यदि पत्रकार के साथ किसी पुलिसकर्मी द्वारा अभद्रता की जाती है तो ज्यादातर मामलों में  पत्रकार की कोई सुनवाई नहीं होती और यदि किसी मामले में कुछ सुनवाई हो भी जाए तो आला अधिकारी मामले को गोलमोल करके रफा-दफा करने की कोशिश करते हैं आज तक किसी भी दोषी पुलिसकर्मी के विरुद्ध कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की गई है जिसके चलते पत्रकारों के प्रति पुलिस का अमानवीय व्यवहार आम से बात हो गई है! एक पत्रकार जो अपनी जिम्मेदारी का बड़ी ईमानदारी के साथ निर्वहन करते हुए  अपनी जान जोखिम में डालकर निष्पक्ष तरीके से  समाज को घटनाओं से रूबरू कराता है तथा आम आदमी का आवाज शासन प्रशासन तक पहुंचाने का काम करता है उस पत्रकार की स्थिति वर्तमान समय में बहुत ही चिंताजनक बनी हुई है! खबर के माध्यम से प्रदेश सरकार तथा पुलिस के आला अधिकारियों से अपील की जाती है कि वह पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कठोर से कठोर कार्यवाही अमल में लाएं ताकि एक पत्रकार अपनी ड्यूटी को बेहतर ढंग से अंजाम दे सके।

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