अन्नदाताओं के लिए मुसीबत बनी बरसात।

 अन्नदाताओं के लिए मुसीबत बनी बरसात।


फतेहपुर। बृहस्पतिवार की शाम 8:00 बजे से निरंतर तीव्र गति से हो रही बारिश अन्नदाताओं के लिए मुसीबत का सबब बनती जा रही है। क्योंकि जब किसानों को पानी की आवश्यकता थी तब बारिश हुई नहीं, इस समय धान की खेती खेतों में लहरा रही है। लेकिन पिछले दिनों हुई बारिश व तेज हवाओं ने काफी ज्यादा अन्न दाताओं को नुकसान पहुंचाया था। ज्यादातर खेतों में खड़ा धन तेज हवा व पानी की वजह से गिर गया था। रही सही कसर आज होने वाली बरसात ने पूरी कर दी है। एक ओर अन्नदाता जहां फसलों को बचाने में असमर्थ दिखाई दे रहे हैं तो दूसरी ओर दैवीय आपदा किसानों के लिए घोर संकट का सबब बनती जा रही है। फतेहपुर जनपद में ही नहीं बल्कि प्रदेश के तमाम शहरों में लगातार हो रही बारिश से न सिर्फ अन्नदाता बल्कि आम जनमानस भी बेहाल है। हालांकि बीच-बीच में कुछ दिनों के लिए मौसम खुल जाता है। जिसमें लोगों को विकराल गर्मी का सामना करना पड़ता है। इस उमस भरे मौसम में आम जनमानस को बरसात राहत तो दे रही है किंतु अन्नदाताओं के लिए मुसीबत भी बनती जा रही है। समय-समय पर अत्यधिक बारिश होने के कारण धान के अतिरिक्त किसान अपने खेतों में अन्य कोई फसलें भी नहीं उगा पाए हैं। यदि कुदरत का कहर इसी तरह जारी रहा तो ना सिर्फ अन्नदाता बल्कि आगे आने वाले समय में आम जनमानस को भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि जब खेतों में फसलें ही नहीं तैयार होंगी तो लोगों को भोजन कहां से प्राप्त होगा। किंतु इसमें अन्नदाता या आम जनमानस कर भी क्या सकते हैं क्योंकि यह तो कुदरत का कहर है, जो इंसानों के बस में नहीं सरकार द्वारा किसानों के लिए कागजों में तो बातें बहुत बड़ी बड़ी होती हैं किंतु लाभ के नाम पर सिर्फ उन्हीं को मिलता है जो सक्षम है गरीब किसान तक तो सरकार द्वारा चलाई जा रही किसी भी योजना का लाभ पहुंच ही नहीं पाता है। ऐसी विकराल पर स्थित में आखिरकार किसान करे भी तो क्या करें अन्नदाताओं के पास ईश्वर से प्रार्थना करने के सिवा और कुछ बचता भी तो नहीं।

टिप्पणियाँ