मेरा हो आत्मसंबल तुम,

 "मेरी दीवाली"


मेरे हर दिन दीवाली , 

          मेरे हर दिन भी दीपोत्सव l

कि जब तक साथ तुम मेरे, 

          मेरे हर दिन हरियाली l

नहीं जचता मुझे कुछ भी, 

          नहीं कुछ भी तुम्हारे बिन l

तुम्हीं से हर खुशी मेरी, 

          तुम्हीं तक ज़िंदगी मेरी l

मेरा रुतबा तुम्हीं तक है, 

          तुम्हीं हो मंज़िल भी मेरी l

तुम्हारे बिन नहीं कुछ भी, 

         तुम्हारे बिन क्या दीवाली l

अगर तुम हो तो क्या ग़म है, 

         तुम्हारे बिन तो सब कम है l

मेरा हो आत्मसंबल तुम, 


          मेरी हो मर्यादा भी तुम l

तुम्हीं हो हर ख़ुशी मेरी, 

          तुम्हीं हो दीवाली मेरी l

नहीं कुछ भी विलग तुमसे, 

            ये दुनिया भी नहीं मेरी l

मेरी दुनिया तुम्हीं तक है, 

            मेरे हर रास्ते तुम तक l

कि जब तक साथ तुम मेरे, 

              मेरे हर दिन दीवाली l



रश्मि पाण्डेय

बिंदकी, फतेहपुर

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