मुख्यमंत्री के सपनों को चकनाचूर करने में जुटे हैं गाजीपुर थानाध्यक्ष व शाह चौकी प्रभारी

 मुख्यमंत्री के सपनों को चकनाचूर करने में जुटे हैं गाजीपुर थानाध्यक्ष व शाह चौकी प्रभारी



अन्ना गौवंश के ऊपर प्राणघातक हमला करने वाले अभियुक्त को पुलिस ने महज 151 की धारा पर किया चालान, मिल गई आसानी से जमानत


अपनी जेब गर्म कर मामले को हल्का करने में धृतराष्ट्र की भूमिका निभा रहे थानाध्यक्ष व चौकी प्रभारी


आखिरकार बेजुबान जानवर का दर्द नहीं दिखता थानाध्यक्ष और चौकी प्रभारी को


फतेहपुर।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपना एक बड़ा बयान जारी करते हुए कहा था कि उत्तर प्रदेश के समस्त जनपद में गौ रक्षा अभियान के तहत अन्ना गायों की देखरेख का काम गौशालाओं में किया जाएगा वही आवारा गौवशों की आकाशमिक में घटनाएं होने पर जानवर अस्पताल के डॉक्टर उपचार हेतु उपचार करने का काम बखूबी करेंगे वहीं उन्होंने गौवंशओ के ऊपर प्राणघातक हमला करने वालों के लिए भी एक आदेश पारित करते हुए कहा था कि धारा 11 ( प),१९६० में किसी भी जानवर को लावारिस अवस्था में छोड़ने पर 3 महीने की सजा का प्रावधान है इसके अलावा किसी भी जानवर को स्लांटर हाउस के बाहर मारना अवैध इसके अलावा किसी बीमार या प्रेग्नेंट जानवर की क्षति पहुंचाना कानूनी जुर्म है ऐसा करने वालों के ऊपर पुलिस कानूनी प्रक्रिया करते हुए 3 महीने के लिए जेल की सलाखों के पीछे भेजा जाएगा वही सूरज पासवान पुत्र कालदास पासवान उम्र 42 साल ग्राम केवई पोस्ट  शाह थाना गाजीपुर जनपद फतेहपुर का मूल निवासी है जिसने अन्ना गाय को बल्लम मारकर पूरी तरह किया घायल कर दिया था जिससे गाय की  खराब हुई हालत तथा गाय के पेट में पलने वाले बच्चों को भी अपनी मां के पेट में घाव होने से मौत को गले लगाना पड़ा वही फूल सिंह यादव पुत्र जिया लाल यादव ग्राम केवई गाजीपुर थाना इस का बल्लम है वहीं विश्व सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह दोनों शख्स पूर्व में भी कई अन्ना पशुओं पर प्राणघातक हमले कर चुके हैं और इलाकाई पुलिस महज इन दोनों सक्स को पकड़कर 151 की कार्यवाही करके छोड़ देती है वही ऐसी अवस्था में यह कहना गलत नहीं होगा कि पुलिस कहीं ना कहीं अपनी कारगुजारी पर मात्र खानापूर्ति करती हुई नजर आती है और दोनों अभियुक्त को गिरफ्तार कर महज 151 की कार्यवाही करने के बाद उस अभियुक्त को कोर्ट से जमानत मिल जाती है और  अब ऐसी स्थिति में इन दोनों अभियुक्तों के हौसले बुलंद हैं और यह आए दिन अन्ना जानवरों पर प्राणघातक हमले करते रहते हैं क्योंकि दोनों अभियुक्तों को सब मालूम है कि पुलिस मात्र शांति भंग का केस लगा कर उच्च न्यायालय भेजेगी और वहां से उंन्हे आसानी से जमानत मिल जाएगी  अब ऐसी स्थिति में क्या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा आदेश का पालन कैसे हो सकता है जब इलाकाई पुलिस ही मिलीभगत से अभियुक्तों के ऊपर महज शांति भंग का केस लगा कर मामले को ठंडा कर देती हैं कहीं ना कहीं गाजीपुर थाना व शाह चौकी इंचार्ज मोटी रकम लेकर मामले को हल्का करने में धृतराष्ट्र की भूमिका निभाते हैं तभी तो अन्ना गौवंश की घायल अवस्था उन्हें नजर नहीं आई और उन्हें नजर आया तो सिर्फ शांति व्यवस्था जिस कारण उन्होंने दरिंदगी के साथ प्राणघातक हमला करने वाले के ऊपर शांति भंग का केस लगा कर अपने आप को पूरी तरीके से सुरक्षित कर लिया ताकि कोई यह ना कह सके कि अभियुक्तों के ऊपर कार्यवाही नहीं की गई हालांकि यह जांच का प्रश्न है और यदि अन्ना गौवंश बोल पाते तो वह अपना दर्द जरूर बताते और शासन प्रशासन उनकी सुनता भी लेकिन क्या करें वह तो बेजुबान  जानवर हैं उनका दर्द भला ऐसे भ्रष्ट अफसरों को दिखेगा भी नहीं क्योंकि उन्हें तो अपनी जेब गर्म करके मामले को हल्का करने की आदत सी पड़ चुकी है ऐसी स्थिति में योगी आदित्यनाथ का सपना कभी जीवन में साकार नहीं हो सकता है?

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