यूपी : जिला अदालत और अधिकरणों के लिए भी हाईकोर्ट ने जारी की गाईड लाइन, जरूरी स्टाफ ही आएंगे काम पर
न्यूज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए उत्तर प्रदेश के सभी जिला एवं अधीनस्थ न्यायालयों और ट्रिब्यूनल के लिए एक नई गाइडलाइन जारी की है। इसके मुताबिक जरूरी स्टाफ ही ड्यूटी पर आएंगे। साथ ही न्यायालयों में जरूरी मामलों की ही सुनवाई हो सकेगी। आपराधिक मामलों में कोई भी प्रतिकूल आदेश पारित नहीं होगा।
हाइकोर्ट के महानिबंधक आशीष गर्ग की ओर से जारी आदेश में जिला एवं अधीनस्थ न्यायालयों और ट्रिब्यूनल को कोविड से जुड़े़ आठ बिंदुओं पर नए आदेश जारी किए गए हैं। महानिबंधक की ओर से कहा गया है कि प्रत्येक जिला न्यायाधीश, जिला मजिस्ट्रेट और मुख्य चिकित्साधिकारी के सहयोग से रोजाना न्यायालयों को सैनिटाइज कराने, न्यायालय परिसर की साफ.-सफाई कराना सुनिश्चित कराएंगे। इसके साथ ही कोर्ट में कर्मचारियों की उपस्थिति कम से कम संख्या में हो और उनके आने-जाने का समय और दिन का निर्धारण भी निश्चित कर करेंगे। न्यायिक अफसर और कर्मचारियों को काम समाप्ति के बाद न्यायालय परिसर छोड़ देना होगा।इसके साथ ही जरूरत पड़ने पर जिला मजिस्ट्रेट और सीएमओ की राय पर न्यायालय को निश्चित समय के लिए बंद भी कर सकते हैं। हाईकोर्ट ने कहा है कि इस संबंध में सभी जानकारी उसे भेजनी होगा। न्यायालयों को इस संबंध में बार एसोसिएशन को भी जानकारी देनी होगी।
हाईकोर्ट ने इस दौरान मामलों की सुनवाई के लिए दिशा-निर्देश दिए हैं। हाइकोर्ट ने कहा है कि आपराधिक मामलों में कोई प्रतिकूल आदेश पारित नहीं होंगे। इसके साथ ही नए केस, जमानत अर्जी, अग्रिम जमानत अर्जी, वाहनों को रिलीज करने, पुलिस रिपोर्ट तलब करने, गैर जमानती आदेश दिए जाने, बयानों को दर्ज किए जाने, रिमांड और ट्रायल से जुड़े मामलों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई हो सकेगी। प्रशासनिक कामकाज किए जाएंगे। हाइकोर्ट ने दो जनवरी को भी कोविड -19 के संदर्भ में प्रदेश के जिला एवं अधीनस्थ न्यायालयों और ट्रिब्यूनल को निर्देश जारी किए थे। नौ जनवरी को भी उसी क्रम में आदेश जारी किया है।