"तमन्नाएँ"
अधूरे ख़्वाब हैं दिल में,
तमन्नाएं अधूरी हैं l
इन्हीं के साथ है रहना,
अब जीना ज़रूरी है l
बहुत कंटक चुभे दिल में,
मुश्किलें हैं बहुत आई l
हराना है उन्हें मुश्किल,
जटिलताओं सुनो तुम भी l
उन्हें उनसे भी कुछ कहना,
जिन्होंने खो दिया उनको l
ज़माने भर भी ढूँढोगे,
मग़र उनको न पाओगे l
बहुत चोटें भी खाईं हैं,
बहुत ठेस भी झेले l
मग़र विपरीत पल में भी,
नहीं मुस्कान छोड़ी है l
उन्हें विश्वास है मन में,
बहुत है दृढ़ निश्चय भी l
ज़माना उनको जानेगा,
संग में वस्तविकता भी l
रश्मि पाण्डेय
बिंदकी,
फतेहपुर