भांग की दुकानों पर खुलेआम बिक रहा है गांजा, पुलिस और आबकारी विभाग के आंखों लगी पट्टी
सरकारी भांग की दुकानों से बिक रहा धड़ल्ले से गांजा
जिले की तीनों तहसीलों में जमकर हो रही भांग की दुकानों गांजे की बिक्री
आबकारी और पुलिस विभाग की मिलीभगत से फल फूल रहा काला कारोबार
फतेहपुर। सरकारी भांग की दुकानों पर गांजा बेचने का गोरखधंधा धड़ल्ले से चल रहा है। जनपद की दुकानों पर नशीले “गांजे का नशा स्मैक और कोकीन से भी कई गुना ज्यादा ख़तरनाक है। इस नशे की लत में स्कूल,कालेज के बच्चों से लेकर हर उम्र के लोग इस ख़तरनाक नशे की लत का शिकार हो कर अपनी जान से खिलवाड़ कर रहे हैं।जिले में शासन की मंसा के अनुरूप आबकारी विभाग मादक पदार्थों की रोकथाम में फेल साबित हो रहा है। कहीं ना कहीं बात चाहे कच्ची शराब की करें या फिर भांग की दुकानों से बिकने वाले गांजे की। सब कुछ बहुत ही आराम से हो रहा है। ऐसा नहीं है कि इस बारे में स्थानीय पुलिस और आबकारी विभाग को जानकारी नहीं होती। सब कुछ उनकी जानकारी में बिक रहा है।
जानकारी के मुताबिक फतेहपुर जिले में भांग की 38 दुकानें हैं, जो बिंदकी, खागा और फतेहपुर सदर तहसीलों में हैं। इन दुकानों में दिखावे के नाम पर केवल भांग की कुछ पुड़िया रखी रहती हैं, लेकिन असल खेल इसके पीछे शुरू होता है। शहर में हर चौकी क्षेत्र में पड़ने वाली इन भांग की दुकानों से हर पंद्रह दिन में पैसा स्थानीय पुलिस के पास पहुंचता है और वह पैसा नशे की ऐसी खेप का होता है जिसको पीकर हमारी नस्लें बरबादी की कगार पर पहुंच रही हैं। शहर के मुख्य चौराहों पर खुली इन भांग की दुकानों में गांजे की पुड़िया बहुत ही आसानी से कोई भी ले सकता है। बहुत हद तक इन दुकानों के वीडियो भी सोशल मीडिया पर होते रहे हैं, लेकिन स्थानीय पुलिस कुछ पल के लिए इनकी बिक्री पर रोक तो लगा देती है। कुछ दिनों बाद यह धंधा फिर से शुरू हो जाता है।