जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष के निर्देश पर जिला कारागार का किया गया निरीक्षण

 जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष के निर्देश पर जिला कारागार का किया गया निरीक्षण



फतेहपुर।जिला विधिक सेवा प्रधिकरण सचिव पूर्ण कालिक श्रीमती अनुराधा शुक्ला ने बताया  कि  अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, फतेहपुर अशोक कुमार सिंह- तृतीय के दिशा निर्देशन में जिला कारागार, फतेहपुर का निरीक्षण आज दिनांक 22.04.2022 को किया गया।

निरीक्षण में  श्रीमती अनुराधा शुक्ला सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, फतेहपुर, जेल अधीक्षक मो0 अकरम खान,जेलर  संजय कुमार, डिप्टी जेलर अंजनी कुमार आदि उपस्थित रहे।

सचिव द्वारा बैरक न0 01 में पुरुष बंदियों के मध्य बात- चीत की गयी एवं उनकी समस्याओं को सुना गया। बंदियों से उनके निःशुल्क अधिवक्ता के बारे में पूछा गया है सभी ने अधिवक्ता मिलना बताया है। दो ऐसे बंदी है जिन्हें निःशुल्क अधिवक्ता की आवश्यकता है उनकी समस्या के निस्तारण हेतु जेल अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि बंदियों के प्रार्थना पत्र अग्रसारित करते हुये कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में प्रेषित करना सुनिश्चित करे ।

बंदियों से जेल में मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी लिया गया। सभी बंदियों के स्वास्थ्य से सम्बन्धी जानकारी की गयी साथ ही सभी बंदियों से प्रातः काल में मिलने वाले भोजन एवं अन्य समस्याओं के बारे में जानकारी पूछी गयी, जिसमें सभी बंदियो ने खाना-पानी साफ-सुथरा एवं सही समय पर मिलना बताया है ।

 बंदियों से उनके मनोरंजन हेतु उपलब्ध संसाधनों के बारे में पूछा गया। बंदियो द्वारा बताया गया कि उनको कोई समस्या नहीं है । जेल अधीक्षक को निर्देर्शित किया गया कि बंदियों के मनोरंजन एवं व्यायाम पर ध्यान दे । निरीक्षण के दौरान बंदियों को मिलने वाली नि : शुल्क अधिवक्ता के रजिस्टर का अद्यतन पाया गया जिसमे प्राप्त निःशुल्क अधिवक्ता की सूची सही पायी गयी ।

सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्रीमती अनुराधा शुक्ला द्वारा अवगत कराया गया कि राष्ट्रीय लोक अदालत दिनांक 14.05.2022 में व्यापक स्तर पर बैंक से सम्बन्धित प्री-लिटिगेशन मामले, बीमा से सम्बन्धित मामले, राजस्व से सम्बन्धित मामले, विद्युत से सम्बन्धित मामले, जल कर से सम्बन्धित मामले, सर्विस में वेतन एवं भत्ते से सम्बन्धित, श्रम से सम्बन्धित, मोटर दुर्घटना से सम्बन्धित, वैवाहिक/पारिवारिक मामले एवं अन्य छोटे मामलो का निस्तारण किया जाएगा । लोक अदालत मेंनिस्तारण हेतु किसी प्रकार का शुल्क देय नहीं है । लोक अदालत में  निस्तारण होने पर निर्णय के विरुद्ध कोई अपील नही होती तथा मामला अन्तिम रुप से निस्तारित हो जाता है । कानूनी जटिलताओ से पर लोक अदालत की प्रक्रिया सहज और आपसी समझौते पर आधारित है । कोई भी व्यक्ति प्रार्थना पत्र के माध्यम से अपने मुकदमे राष्ट्रीय लोक अदालत में लगवाकर लाभ उठा सकते हैं ।

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