श्री धाम वृंदावन से पधार कर आचार्य पंडित श्री अवनीश त्रिवेदी जी के मुखार विंद से श्रीमद् भागवत कथा के प्रसंग में पांचवें दिन माखन चोरी का मंचन सुन भक्त हुए भाव विभोर

 श्री धाम वृंदावन से पधार कर आचार्य पंडित श्री अवनीश त्रिवेदी जी के मुखार विंद से श्रीमद् भागवत कथा के प्रसंग में पांचवें दिन माखन चोरी का मंचन सुन भक्त हुए भाव विभोर



भगवान बोले जिसके यहां चोरी की हो उसके द्वार पर बैठकर माखन खाने का आनंद आता है


एक लख गौवे नंद बाबा की नौव मन माखन होय, फिर भला मैं क्यों माखन चुराकर खाने लगा


फतेहपुर। गाजीपुर थाना क्षेत्र के गांव केवई में पांचवें  दिन कृष्ण माखन चोरी का मंचन किया गया।

भगवान श्री कृष्ण बचपन में बहुत ही शरारती थे। गोपियों की कभी मटकी फोड़ देते, कभी बछड़ों को गायों का पूरा दूध पिला देते थे। गोकुल की गोपियां चाह कर भी श्री कृष्ण को डांट नहीं पाती थी क्योंकि वह इतने नटखट थे  उनकी शरारत को देखकर उन्हें दुलराने का मन करता था। कन्हैया की ऐसी लीलाओं में माखन चोरी भी है। सभी लोग जानते हैं कि कन्हैया को माखन कितना पसंद था। माता यशोदा ही कृष्ण को माखन देती थी। इसलिए जहां भी माखन रखती कृष्ण जी चुपके से गांव के बच्चों के साथ आकर खा जाते थे। जब माता के कुछ समझ नहीं आता तो सोचती कि माखन कौन चुरा रहा है। तो उन्होंने एक दिन चुपके से मक्खन से भरे छोटे-छोटे घडो को रस्सी के सहारे ऊपर टांग दिया। लेकिन श्री कृष्ण से क्या छुप सकता है उन्होंने माता को माखन रखते देख लिया। अब समस्या यह थी कि मक्खन तक कैसे पहुंचा जाए। काफी सोचने के बाद उन्होंने सभी सखा को इकट्ठा किया और बोले कि सभी एक घेरा बनाओ और उसके ऊपर चढ़कर मक्खन निकाला जाएगा। इसी तरह से वे और उनके सखा पूरा मक्खन चट कर गए। ये सब मां यशोदा ने देख लिया और मौके पर पहुंच गई। माता को देखते ही सभी बच्चे वहां से भाग गये लेकिन श्री कृष्ण मटकी की रस्सी पकड़कर झूल रहे थे। माता ने उन्हें नीचे उतारा और डांटते हुए कहा कि अच्छा तो तुम हो माखन चोर, जिसने मुझे परेशान किया है। कन्हैया की भोली सूरत देखकर व उसकी प्यारी बात सुनकर कृष्ण को गले लगा लिया और बोलने लगी मेरा प्यारा नटखट माखनचोर। बस तभी से श्री कृष्ण को प्यार से माखन चोर कह कर बुलाया जाने लगा।

    कार्यक्रम के आयोजक विष्णु दीक्षित एवं अतुल दीक्षित फतेहपुर जिला उद्योग व्यापार मंडल युवा जिला अध्यक्ष रामचंद्र, मूलचंद, प्रेमचंद, सत्यम दीक्षित, (अध्यापक) आशीष दीक्षित, आचार्य संतोष मिश्रा आदि लोग मौजूद रहे!

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