"छाया"
भावों की गहनता,
विचारों की उच्चता।
ह्रदय की गह्वरता,
अक्षरों की सौन्दर्यता।
मन की संवेदनशीलता,
प्रेम की पावनता।
पापा!तुमसे ही तो पाया है,
जीवन तुम्हारी ही तो छाया है।
काम ईमान से करना,
वफ़ा से सराबोर रहना।
ख़ूब परिश्रम करना,
असत्य से किञ्चित् न डरना ।
ख़ुद ही ख़ुद की ढाल बनना,
अपने रास्ते स्वयं बनाना।
पापा! तुमसे ही तो पाया है,
जीवन तुम्हारी ही तो छाया है।
निश्छलता साथ रखना,
किसी का गलत न करना।
आत्मसम्मान से रहना,
हर स्थित में अडिग रहना।
रिश्ते में विश्वास रखना,
ज़िन्दगी सार्थक करना।
पापा! तुमसे ही तो पाया है,
जीवन तुम्हारी ही तो छाया है।
रश्मि पाण्डेय
बिन्दकी फतेहपुर