चोरी का आरोप लगा पुलिस में युवक को चौकी के अंदर बेरहमी से पीटा

 चोरी का आरोप लगा पुलिस में युवक को चौकी के अंदर बेरहमी से पीटा



आधी रात को सनक में इंसान से शैतान बन गया चौकी इंचार्ज 


चौकी इंचार्ज के साथ तुर्रम खान बन गया चौकी पर तैनात दिवान


फतेहपुर। किशनपुर थाना क्षेत्र के विजयीपुर चौकी में पिछली 25 तारीख की रात पुलिस की ऐसी गुंडई सामने आई जिसे देख सबकी रूह कांप जाएगी खाकी पहने हुए यह खाकी वाले लंबरदार आधी रात को शैतान बन जाएंगे किसी ने नहीं सोचा था कि आखिर पान मसाले की चोरी का इल्जाम लगा पुलिस इतना निर्दई हो जाएगी कि एक युवक को बेरहमी से पीटेगी ।

    जानकारी के मुताबिक किशनपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत विजयीपुर चौकी पर तैनात चौकी इंचार्ज के कारनामों को देख कोई ऐसा नहीं कहेगा कि यह एक इंसान है इनकी कार्यशैली किसी शैतान से कम नहीं है तभी तो यह खाकी का रौब झाड़ गरीबों पर सितम ढाने के लिए मशहूर है दरअसल विजयीपुर चौकी पर तैनात चौकी इंचार्ज उमेश चंद पटेल की शैतानी कार्यशैली पिछली 25 तारीख की आधी रात को सामने आई जब पुलिस ने एक युवक पर पान मसाले को चुराने का झूठा आरोप लगा युवक को बेरहमी से पीट दिया जिसके बाद पीड़ित ने उच्च अधिकारियों को शिकायती पत्र देते हुए दबंग दरोगा के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है तो बता दे कि किशनपुर थाना क्षेत्र के विजयीपुर चौकी अंतर्गत सिल्मी गांव के रहने वाले रामसुमेर में उच्च अधिकारियों पर शिकायती पत्र देते हुए बताया कि गांव के ही रहने वाले दयाशंकर तिवारी से पुलिस ने सांठगांठ कर आधी रात को मुझे थाने उठा ले गई और इसके बाद मुझ पर चोरी का फर्जी आरोप लगा मेरे बदन से सारे कपड़े उतरवाकर पुलिस ने बर्बरता से मेरी पिटाई कर दी और मेरे पिता से ₹15000 की रिश्वत भी ले ली पीड़ित ने बताया कि पुलिस ने आधी रात को कमरे में बंद करके मेरे साथ जानवरों जैसा सलूक किया और बदन से सारे कपड़े उतरवा दिए और फिर बेल्ट व डंडों से बुरी तरीके से पीट दिया जब पुलिस का गुस्सा शांत नहीं हुआ तो उन्होंने बिजली का करंट भी लगाया खैर कुछ भी हो पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वाली सरकार में पुलिसिया रौब इतना बढ़ जाएगा कि पुलिस इंसानों के साथ शैतानों वाला व्यवहार करेगी यह किसी ने नहीं सोचा था खैर कुछ भी हो पर विजयीपुर चौकी इंचार्ज का रुतबा किसी लंबरदार से कम नहीं है तभी तो अपनी लंबरदारी के दम पर गरीबों पर इस तरह के सितम ढा रहे हैं धन्य है खाकी और धन्य है खाकी कि यह लंबरदार जो जब जिसे मन आया उसे फर्जी आरोप लगा बेरहमी से पीटना शुरू कर देते हैं ।

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