प्राचीन पक्का तालाब को मिलेगा पुराना वैभव, शासन ने दिया बजट
- शासन ने तालाब के सौंदर्यीकरण हेतु उपलब्ध कराया 18 लाख का बजट
- बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के स्वयंसेवक बीते तीन वर्षों से करते आ रहे थे मांग
खागा (फतेहपुर) : कोशिश कर हल निकलेगा, आज नहीं तो कल निकलेगा। यह लाइनें पक्का तालाब सौंदर्यीकरण को लेकर जारी संघर्ष में सटीक बैठ रही हैं। नगर की प्राचीन धरोहर पक्का तालाब के संरक्षण, संवर्धन, सौंदर्यीकरण हेतु बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के स्वयंसेवक बीते तीन वर्षों से संघर्षरत रहे। केंद्रीय अध्यक्ष प्रवीण पाण्डेय ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री को कई बार स्वयंसेवकों ने पक्का तालाब के सौंदर्यीकरण हेतु खून से पत्र लिखकर भेजे, सांसद, विधायक, जिला अधिकारी तथा उपजिलाधिकारी को ज्ञापन देकर प्राचीन धरोहर को पुराना वैभव दिलाने की मांग की गई। रक्षा बंधन पर्व में पक्का तालाब चारो ओर राखी बांधकर प्रशासनिक अधिकारियों का ध्यान इस ओर दिलाया गया, दीप पर्व के मौके पर तालाब के चारों ओर 2100 दीप जलाकर प्राचीन धरोहर की दुर्दशा पर जिम्मेदारों को ध्यान आकृष्ट किया गया। हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से इस मुहिम को जारी रखा।
शासन द्वारा आखिरकार प्राचीन धरोहर को संवारने की सुधि ली गई। यह बहुत ही प्रसन्नता का विषय है। तालाब के सौंदर्यीकरण हेतु शासन ने नगर पंचायत को 18 लाख का बजट अवमुक्त किया है। संघर्ष के सभी साथियों को आभार व्यक्त करने के साथ ही एक आग्रह है कि जिम्मेदारी अभी कम नहीं हुई है। बजट का उपयोग सही प्रकार से हो इसकी भी चिंता हम सभी को करना है। पक्का तालाब का निरीक्षण कर एसडीएम खागा ने वहां व्याप्त अतिक्रमण को तत्काल हटाने के निर्देश दिए थे। जिसके चलते वहां से लोग स्वयं अपना अतिक्रमण हटाने लगे हैं। अब नगर पंचायत यहां एक वैकल्पिक नाले का निर्माण करने जा रहा है।
पिछले कई दशकों से अतिक्रमण से जूझ रहे पक्का तालाब को वास्तविक पहचान देने के लिए प्रशासन सक्रिय हो गया है। एसडीएम अजय नारायण सिंह ने तालाब से अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरु किया है। नाले का पानी तालाब में जा रहा है, जिस कारण तालाब की सफाई में बाधा पहुंच रही है। इसके चलते नगर पंचायत पहले यहां एक वैकल्पिक नाले का निर्माण करेगा ताकि गंदा पानी तालाब में न जा सके। जब पानी जाना बंद हो जाएगा तो बारिश के पहले ही तालाब की पूरी तरह सफाई कराकर उसका सीमांकन कराया जाएगा। सीमांकन के बाद तालाब के चारों तरफ पक्की दीवारें, सीढ़ियों का निर्माण तथा साथ ही पौधा रोपण करके इसे रमणीक स्थल में परिवर्तित करने की योजना है।