रहस्यमई बीमारी के चलते तीन बच्चों की हुई मौत दो की हालत गंभीर
संभावित डिप्थीरिया जैसी विमारी के लक्षण, गांव के सभी बच्चों के लिए जा रहे सैंपल - मुख्य चिकित्सा अधिकारी बांदा
बांदा - जनपद के बड़ोखर ब्लाक के त्रिवेणी गांव में रहस्यमय बीमारी की चपेट में आकर बीमार हो रहे हैं। पांच बच्चों की हालत गंभीर होने पर दो दिन पहले रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया। जहां गंभीर हालत देख कानपुर लाला लाजपत राय चिकित्सालय (हैलट) रेफर कर दिया गया। सोमवार को 3 बच्चों की मौत हो गई। जबकि 2 की हालत गंभीर बनी हुई है। सीएमओ ने चिकित्सकों की एक टीम मंगलवार को गांव भेजी। घर-घर जांच करने के साथ दवा का वितरण किया गया।
सीएमओ ने बताया कि सैंपल लेकर लखनऊ भेजा गया है, वहां से रिपोर्ट आने के बाद बीमारी का पता चलेगा।त्रिवेणी गांव निवासी अनिल के दस वर्षीय पुत्र अंश, दिलीप के तीन साल के बेटे अंश, करीम के पांच साल के बेटे मुस्तफा और सात वर्षीय बेटी रूबीना उर्फ रूबी के अलावा अनिल की पांच साल की बेटी शिखा की तबीयत खराब होने पर तीन दिन पहले मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था। ग्रामीणों का कहना है कि सभी को सर्दी-जुखाम, बुखार और गले में दर्द की शिकायत थी। मेडिकल कालेज से पांचों बच्चों को हैलट रेफर कर दिया गया। सोमवार की सुबह करीब तीन बजे अनिल के बेटे अंश और दिलीप के पुत्र अंश ने दम तोड़ दिया। जबकि तीन अन्य बच्चों का इलाज चल रहा है, जिसमें दो की हालत गंभीर बनी हुई है। बच्चों की हालत से चिंतित ग्रामीण और बड़ी संख्या में महिलाएं मालती दीक्षित के नेतृत्व में सीएमओ आफिस पहुंची और चिकित्सकों की टीम भेजने का दबाव बनाया।ग्रामीणों में दहशत, सीएचसी की पहुंची टीमस्वयं सहायता समूह की मालती दीक्षित ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को हालात बताते हुए कहा कि बच्चों को गलाघोंटू जैसी बीमारी हो रही है और वह दम तोड़ रहे हैं।
जिसके बाद सीएचसी बड़ोखर से डां. विजय केशरवानी के साथ एक टीम बुधवार को गांव पहुंची। टीम में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी एएनएम शैल कुमारी, आशा कार्यकत्री व आंगनबाड़ी, राष्ट्रीय आजीविका मिशन की अनिशा, मंजू, सफीना, सत्यवती व सुनीता शामिल रहीं। डा. विजय केशरवानी ने टीम के साथ बच्चों की जांच की और दवा का वितरण किया। उन्होंने कहा कि बीमारी से निजात के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। कई लोगों के सैंपल लिए गए हैं। जिन घरों के बच्चे बीमार हुए, उनके पड़ोसियों के भी सैंपल लिए गए
पूरे मामले पर सीएमओ ए के श्रीवास्तव का कहना है कि संभावित लक्षण डिप्थीरिया के समझ में आ रहे हैं लगातार मेडिकल टीम स्वयं सहायता समूह डब्ल्यूएचओ की टीमें लगी हुई हैं हम लोग सभी बच्चों का सैंपल ले रहे हैं बीमार बच्चों के इलाज की समुचित व्यवस्थाएं कराई जा रही हैं अब जांच में पूरी सीट निकलकर आएगी आखिर बच्चों को है क्या कौन सी बीमारी हुई है ।
वही गांव की महिला आयशा ने बायता कि उनके बच्चे को भी इस बीमारी ने गठित किया हुआ है और उसके बच्चे कानपुर और मेडिकल कॉलेज के लिए रिफर किए गए हैं। महिला का कहना है कि गांव में अजीबोगरीब बीमारी आई हुई है जिसके चलते 3 बच्चे अभी तक खत्म हो चुके हैं अभी भी बच्चों को अजीब बीमारी होती है खांसी जुखाम और बुखार के बाद गले में अचानक से सूजन आ जाती है जिससे बच्चों की मौत हो रही है हम लोग बड़े-बड़े पहने हुए हैं। हालांकि अब गांव में कई डॉक्टर आए हुए हैं और सभी बच्चों की जांच कर रहे हैं।