योगी सरकार में दबंग बेलगाम, मारपीट चौराहे पर खुलेआम
मारधाड़ होने का मतलब साफ है कि शायद दबंगो को पुलिस का नहीं रहा कोई भय
फ़तेहपुर। जनपद में कुछ दबंगों की दबंगई अभी भी अब इस कदर हावी हैं कि वह चोरी छिपे नही बल्कि दबंग मुख्य चौराहों पर खुलेआम मारपीट कर आतंक फैलाने लगते हैं। दबंगो की दहशत के काऱण पीड़ित शिकायत भी करने से डरते है, और जो शिकायत करने जाते हैं उनको थाने से निकलने के बाद अनेक तरह से धमकाया जाता है। ऐसे में दबंगों के खिलाफ पुलिस की शिथिल कार्यशैली के आरोप लग जाते हैं।
सूत्रों की माने तो एक ऐसा ही प्रकरण हुआ जिस पर पुलिस की सुस्त कार्यशैली नजर आई । बताया जाता है कि रविवार को दिन में सदर अस्पताल के सामने कुछ दबंगो द्वारा दिन-दहाड़े जिस तरह एक युवक की बेरहमी से मारपीट घटना का अंजाम दिया गया। उससे ये साफ दिख रहा है कि बुलडोज़र बाबा यानि योगी राज़ में दबंगों ने दबंगई एवं गुंडई का जो “आईना” पेश किया है। उससे गरीबो के मसीहा कही जाने वाली योगी सरकार ऐसे दबंगो की दबंगई की कमर तोड़ने के लिए शायद उनके नौकर शाह कमजोर साबित हो रहे हैं। जिस तरह दबंगो ने खुलेआम मुख्य चौराहे पर लात-घूसों की बौछार की । वहीं सूत्रों का कहना है कि यह मारपीट होने के दौरान पुलिस की रैली भी वहां से निकल रही थी। जिसमे बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों के साथ अधिकारी भी मौजूद रहे। इस कृत्य से पुलिस के प्रति दबंगों की मानसिकता को कमजोर दर्शाता है। पुलिस बल का जत्था गुजर रहा हो और ऐसी मारधाड़ होने का मतलब साफ है कि शायद दबंगो को पुलिस का कोई भय नही रहा। ऐसी दबंगई देखकर लोगो को बड़ा आश्चर्य हुआ कि आख़िर यह सब हो क्या रहा है और इन सब के पीछे किसकी शह है तथा क्या मतलब है? जिसे देखकर कहा जा सकता है कि जनपद में पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह के कड़े निर्देशों बाद भी कानून व्यवस्था का मिज़ाज नरम एवं शिथिल है। शहर सहित थाना क्षेत्रों में दबंगों की दबंगई का अन्दाज़ और प्रशासन के शिथिल रुख़ से ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति की संभावनाओं को और भी बढ़ावा दे सकता हैं। जिसका प्रमुख कारण कुछ असमाजिक एवं कुत्सित मानसिकता वालों पर पुलिस की शिथिलता से ढीली होती क़ानून व्यवस्था कमजोर साबित हो रही है। तभी दबंग चौराहे पर खुलेआम मारधाड़ करने लगते हैं । ऐसा जनपद में कानून व्यवस्था के लिए ठीक नही है या ये कहा जाए कि इस तरह का प्रकरण जनपद की सुरक्षा व शांति व्यवस्था पर एक बदनुमा दाग लगा रहा है जो कि बहुत सोचनीय भी है, जिस पर सुधार की बहुत ही आवश्यकता है।