जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जिला कारागार में बंदियों को उनके अधिकार एवं प्ली बार्गेनिंग विषय पर शिविर का किया गया आयोजन

 जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जिला कारागार में बंदियों को उनके अधिकार एवं प्ली बार्गेनिंग विषय पर शिविर का किया गया आयोजन



फतेहपुर।अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने बताया कि  रणंजय कुमार वर्मा जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण फतेहपुर के दिशा निर्देशन में कोविड-19 के सम्बन्ध में जारी दिशा निर्देशो का पालन करते हुये जिला कारागार, फतेहपुर में निरूद्व बंदियों को उनके अधिकार एवं प्ली बार्गेनिंग के विषय पर शिविर का आयोजन किया गया।उक्त शिविर में श्रीमती अर्पणा त्रिपाठी अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण फतेहपुर व जेल अधीक्षक मो0 अकरम खान,अंजनी कुमार डिप्टी जेलर व जेल पी.एल.वी. उपस्थित रहे। श्रीमती अर्पणा त्रिपाठी अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण फतेहपुर द्वारा जिला कारागार फतेहपुर में बंदियों को उनके अधिकार एवं प्ली बार्गेनिंग विषय पर जागरूक करते हुए बताया गया कि प्रत्येक बंदी को कानून में विभिन्न प्रकार के विधिक अधिकार प्राप्त है। जैसे किसी बंदी के पास अधिवक्ता नहीं होता है तो जेल अधीक्षक के माध्यम से कार्यालय जिला विधिक सेवा को निःशुल्क अधिवक्ता प्राप्त करने का प्रार्थना पत्र दे सकते है। वर्तमान समय में लीगल एड डिफेन्स काउिन्सल सिस्टम के माध्यम से निःशुल्क पैरवी कराई जा रही है। प्रत्येक बंदी को अपने घर वालों से मुलाकात करने का अधिकार, पढ़ने का अधिकार, फोन पर अपने परिजनो से बात करने का अधिकार, इलाज करायें जाने का अधिकार व अन्य कानूनी सहायता प्राप्त करने का अधिकार आदि प्राप्त है।

इसके अतिरिक्त सचिव महोदया द्वारा यह भी बंदियो को बताया गया कि प्ली  बार्गेनिंग समझौते का तरीका है, जो कि 07 वर्ष से अधिक की सजा से दण्डनीय अपराधो में, किसी महिला व   14 वर्ष के कम आयु के शिशु तथा देश के समाजिक, आर्थिक स्थिति से प्रभावित करने वाले अपराधो पर लागू नही होता है। 07 वर्ष तक की सजा वाले अपराधो में अभियुक्त अपने द्वारा किये गये अपराध को स्वीकार करके और पीड़ित व्यक्ति को हुये नुकसान और मुकदमें के दौरान हुये खर्चे की क्षतिपूर्ति करके कठोर सजा से बच सकता है। प्ली बार्गेनिंग किस तरह अपराधों पर लागू होता है उसके बारे में बताया गया। अभियुक्त को प्ली बार्गेनिंग के लिये आवेदन उसी न्यायलय में दाखिल करना होता है जिसमें उसके द्वारा किये गये अपराध से सम्बन्धित मुकदमा विचाराधीन है।  प्ली बार्गेनिंग के लाभ के बारे में बताते हुये सचिव महोदया द्वारा अवगत कराया गया कि यह प्रक्रिया जेलो में बन्द विचाराधीन कैदियों की सहायता करती है, जो लम्बे समय से जेलो में बन्द है। प्ली बार्गेनिंग पारस्परिक रुप से समाधानप्रद निपटारे के लिये न्यायालय, लोक अभियोजक, पुलिस अधीक्षक जिसने मामले का अन्वेषण किया, अभियुक्त तथा पीड़ित को मामले का समाधान पर निपटारा करने के लिये बैठक में भाग लेने के लिये नोटिस जारी कर पक्षकारो की स्वेच्छा से मामले का निस्तारण किया जाता है।

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