प्रशासनिक अधिकारियों से नहीं निभाएंगे प्रीत, लांच हुआ आंदोलन का गीत

 प्रशासनिक अधिकारियों से नहीं निभाएंगे प्रीत, लांच हुआ आंदोलन का गीत 


- विजयीपुर-गाजीपुर मार्ग निर्माण के लिए एकात्म मानव दर्शन आंदोलन तेज 

- नरैनी चौराहे पर बीआरएस कार्यकर्ताओं ने ग्रामीणों संग तैयार की रणनीति 


खागा (फतेहपुर) : विजयीपुर-गाजीपुर मार्ग निर्माण के लिए बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के स्वयंसेवकों ने आंदोलन की रणनीति तय करते हुए आंदोलन तेज कर दिया। मंगलवार को नरैनी चौराहे पर स्वयंसेवकों ने हनुमान चालीसा पाठ करते हुए आंदोलन गीत लांच किया। आंदोलन गीत, मुंबई के रहने वाले श्याम दीवाना ने लिखा है। 


एकात्म मानव दर्शन मार्ग आंदोलन के संयोजक धर्मेंद्र दीक्षित के नेतृत्व बीडीसी विक्रम निषाद, हिमांशु त्रिपाठी, छोटू दीक्षित, श्याम बिहारी तिवारी, सत्यदेव पांडेय, संजय सक्सेना, सुशील गुप्ता, मोहित पांडेय, राजकुमार सिंह, राम भवन मौर्या, होरी लाल शुक्ला, पूर्व प्रधान सीताराम, सुरेश यादव, सुशील गुप्ता, मोहित तिवारी, निरंजन शुक्ला, परमेश निषाद, अविनाश मिश्रा आदि ग्रामीणों की मौजूदगी में विजयीपुर-गाजीपुर मार्ग निर्माण की रणनीति तैयार हुई। बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण पांडेय ने संबोधन में कहा कि बीते दिनों एक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर से जानकारी मिली कि यह मार्ग जिम्मेदार अधिकारियाें की लापरवाही से नहीं बन पाया है। बीते सात वर्षों में कराेड़ों रुपये का बजट सड़क की मरम्मत में खर्च हुआ। लाखों रुपये की कमाई से ठेकेदार व विभागीय अधिकारियों की हालत तो सुधर गई, सड़क की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। पुनः इसी मार्ग की मरम्मत के लिए बजट आया, हालांकि मरम्मत नहीं हो सकी। चौड़ीकरण के लिए बजट मिलने की चर्चा विभागीय गलियारों में सुनाई दे रही है, लेकिन सफर करने वाले वाहन सवार को तो गड्ढा मुक्त सड़क चाहिए। जिसे पाने के लिए लोग वर्षों से इंतजार में हैं। अयाहशाह विधायक मानते हैं कि अधिकारियों की गलती से मार्ग निर्माण नहीं हो पाया है। विधायक जी यह नहीं स्पष्ट कर सके हैं कि जिनकी वजह से क्षेत्र के हजारों लोगों को समस्या हुई उनके विरुद्ध कार्रवाई क्या हुई। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पुन: दोहराया कि जनपद में अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति का विकास अच्छी सड़कों से संभव है। यमुना तट वर्ती गावों के लोगों को उनका अधिकार मिलना चाहिए। स्वयंसेवकों ने चेतावनी में स्पष्ट किया कि विजयीपुर-गाजीपुर मार्ग का निर्माण यदि 31 मार्च 2023 तक पूरा नहीं होता है तो गांव-गांव से आंदोलनकारी निकल पड़ेंगे। जिसकी जिम्मेदारी जिला प्रशासन के अधिकारियों व सत्ता का सुख भोगने वालों की होगी।

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