सरस्वती शिशु विद्या मंदिर इंटर कॉलेज चल रही भागवत कथा के चौथे दिन कथावाचक ने भगवान कृष्ण के बाल चरित्रों का किया वर्णन
फतेहपुर।सरस्वती शिशु विद्या मंदिर इंटर कॉलेज खुशवक्त राय नगर प्रांगण में विगत चार दिवसों से चल रही भागवत कथा में चित्रकूट से पधारे पं0 भरत भाई वाजपेयी ने भगवान कृष्ण के बाल चरित्रों का वर्णन करते हुए नंद को आनंद देने वाला
मइया यशोदा को यश दान करने वाली पूतना को जीव की अविद्या बताया। प्रभु की कृपा जब जीव पर होती है तो अविद्या नष्ट होती है परिणाम स्वरूप छ: विकार नष्ट हो जाते हैं। और जीव ईश्वर सत्ता को प्राप्त कर लेता है।
तृणावर्त को उन्होंने माया से प्रेरित जीव बताया जो निरन्तर जगत में भृमित रहता हो और भटकता रहता है। शकठ भंजन की लीला को उन्होंने हमारी गृहस्थी से जोड़ा । उन्होंने बताया कि श्रीमद्भागवत की प्रत्येक कथा हमारे परिवार और समाज से जुड़ी है।
गोवर्धन लीला को भरत जी ने प्रकृति की सुरक्षा से जोड़ा कि यदि हम प्रकृति की सुरक्षा करेंगे तो हमारी आने वाली पीढ़ियां सुरक्षित रहेंगी। इस कथा को उन्होंने पारिवारिक दृष्टिकोण देते हुए माता पिता की सेवा पर बल दिया। माता पिता हमारे प्रत्यक्ष देवता है, उनकी सेवा न करके हम किसी भी 'देवता को प्रसन्न नही कर सकते।
वृन्दावन में रास लीला को उन्होंने गोपी रूपी आत्माओं का कृष्ण की परमात्मा से नित्य मिलन बताया जो निरन्तर हृदय रुपी वृन्दावन में चलता रहता ही, बस उसको अनुभव करने की आवश्यकता है।
अवसर पर मनोज शुक्ला सुरेंद्र सिंह गौतम प्रमोद द्विवेदी नरेंद्र सिंह महेंद्र शुक्ला अनुराग मिश्रा मधुसूदन दीक्षित अनंत दीक्षित राम किशोर मिश्र शोभा राम तिवारी एवं अन्य भक्त गण उपस्थित रहे।