तालाबों का अस्तित्व खतरे में,अमृत सरोवर भी सूखे, आखिर कौन जिम्मेदार

 तालाबों का अस्तित्व खतरे में,अमृत सरोवर भी सूखे, आखिर कौन जिम्मेदार



रामगंगा लोअर कैनाल लबालब फिर भी मनरेगा का लाखों खर्च कर खुदे तालाब सूखे


बिंदकी फतेहपुर।देवमई विकास खंड के तालाबों का अस्तित्व खतरे में है, अमृत सरोवर भी सूखे पड़े हैं। आखिर तालाबों की बदहाली का कौन है जिम्मेदार? निचली रामगंगा नहर में पर्याप्त मात्रा में पानी होने के बावजूद भी देवमई विकास खंड की ग्राम सभाओ के लगभग सवा सौ तालाब सूखे पड़े है। जबकि कुछ तालाब ऐसे है  जिनको नलकूपों से भरा जाता है लेकिन जिम्मदारों की लापरवाही में वे भी सूखे है।

एक ओर जहाँ केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा गांवों में तालाबों का अस्तित्व बरकरार रखने के लिए मनरेगा के तहत अमृत सरोवर  योजना संचालित कर सौंदर्यीकरण के नाम पर मनरेगा की लाखों धनराशि मुहैया भी कराई गई। इसी के तहत देवमई ब्लॉक के गांवों में तालाबों की खुदाई कराई गई थी। परन्तु मौजूदा स्थिति में नहर में पानी भरपूर है। पशु ,पक्षियों के लिए पेयजल की समस्या उत्पन्न हो रही है।गर्मी की शुरुआत हो चुकी है परन्तु अधिकांश तालाब सूखे पड़े हैं। इनके भरवाने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। 

देवमई, पधारा , सराय बकेवर, हरदासपुर, दूबेपुर, धमौली,  कंशमीरीपुर, लालाबक्सरा, जोगापुर, जगदीशपुर, पाही, रसूलपुर बकेवर, बरीगवां, भैसौली, सुजावलपुर सहित सभी ग्राम पंचायत ऐसी भी है जहाँ के तालाबों में अराजकतत्वों ने कब्जा कर रखा है और कुछ तालाब गन्दगी से पटे पड़े है। ऐसे में जहां पशु, पक्षियों के समक्ष संकट खड़ा है और उनको प्यास बुझाने अन्ना मवेशियों को   इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। पशुपालकों को भी अपने पालतू मवेशियों के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है। अधिकतर तालाबों को भरवाने के लिए नहर व बंबा ही साधन हैं। तालाबों के न भरने से ग्रामीण परेशान दिखाई पड़ रहे हैं और गिरते जल स्तर में सुधार हो सकता है। लेकिन अभी तक इनमें पानी नहीं छोड़ा जा सका है।

इस विषय मे जब खंड विकास अधिकारी सुषमा देवी से फ़ोन पर बात करने की कोशिश की गई तो निरन्तर कोशिश के बाद भी उनका फोन नही लगा।

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