क्षेत्र पंचायत देवमई की वार्षिक बैठक में पेश किया गया पिछले कामों का ब्यौरा

 क्षेत्र पंचायत देवमई की वार्षिक बैठक में पेश किया गया पिछले कामों का ब्यौरा



कच्चे काम कराए जाने पर खंड विकास अधिकारी ने दिया जोर


बिंदकी फतेहपुर।क्षेत्र पंचायत देवमई की वार्षिक बैठक आज विकास खंड सभागार में संपन्न हुई। बैठक में ब्लॉक प्रमुख सोनम पटेल व खंड विकास अधिकारी सुषमा देवी की उपस्थिति में पूरे वर्ष का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया गया। प्रस्तुत लेखा-जोखा में विभिन्न कार्यों के लिए 128 लाख ₹53 हजार रुपए की मंजूरी हुई। जिसमें अभी तक कराए गए कामों में 102 लाख 16 रुपए का काम पूर्ण हुआ ।

इसी वर्ष में ब्लॉक कार्यालय का मीटिंग हाल की रंगाई पुताई व मरम्मतीकरण  कार्य में 08 लाख 57 हजार खर्च किया गया ।जबकि प्रमुख कक्ष मरम्मतीकरण के लिए ₹4 लाख 26 हजार  ब्यय किए गए।

बैठक को संबोधित करते हुए खंड विकास अधिकारी सुषमा देवी ने विभिन्न योजनाओं का जिक्र करते हुए ग्राम प्रधानों व क्षेत्र पंचायत सदस्यों से आग्रह किया कि वे अपनी ग्राम सभाओं में कच्चा काम शीघ्र शुरू कराएं ।उन्होंने बताया कि 60% धनराशि कच्चे कामों में व्यय करके ही 40% पक्के काम कराए जा सकेंगे ।

उन्होंने बताया कि अभी तक इस वित्तीय वर्ष में क्षेत्र पंचायत का कच्चा काम जीरो है ।उन्होंने कहा कि जहां कोई समस्या हो वे सीधे जानकारी दे सकते हैं। खंड विकास अधिकारी ने सभी पंचायत सचिवों को निर्देशित किया कि जो आवास आधे अधूरे हैं उनका निर्माण शीघ्र कराया जाए ।उन्होंने बताया कि विकासखंड में 1954 आवास आए हैं जिन्हें शत-प्रतिशत पूर्ण कराया जाए। इस मौके पर उन्होंने कच्चा काम कराए जाने पर जोर दिया ।उन्होंने बताया कि खेल का मैदान भी मनरेगा से कराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत कौड़िया गलाथा मे गौशाला है और अब दूसरा वृहद गौशाला  भैसौली मे स्थापित किया जा रहा है ।जिसके लिए प्रत्येक ग्राम सभा को 15% धन देना है। उन्होंने गौशालाओं को ग्राम प्रधानों वह क्षेत्र पंचायत सदस्यों से भूसा दान किए जाने की भी अपील किया । इस मौके पर सहायक विकास अधिकारी समाज कल्याण ज्ञानेंद्र सिंह ने विभिन्न योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि सभी ग्राम प्रधान वृद्धावस्था, विधवा व विकलांग पेंशन के लिए पात्र लोगों को सूचीबद्ध करें ।उन्होंने यह भी जानकारी दिया कि प्रत्येक ग्राम सभा में बाल कल्याण योजना के तहत उन बच्चों की सूची बनाएं और आवेदन कराएं जो बेसहारा  नाबालिक है। ऐसे प्रत्येक परिवार के दो नाबालिक निराश्रित बच्चों को मुख्यमंत्री बाल कल्याण योजना के तहत 2500 प्रति माह दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि परिवारिक लाभ योजना के तहत फिलहाल सिर्फ पिछड़ा वर्ग के लिए ही अनुदान योजना लागू है जबकि एससी ,एसटी, अल्पसंख्यक व सामान्य वर्ग के लिए पारिवारिक योजना पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में वे विधाएं व तलाकशुदा महिलाएं अगर शादी करना चाहती हैं तो वह भी आवेदन कर सकती हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत ₹51000 प्रति जोड़े को मिलता है ।जिसमें ₹6000 व्यवस्था में खर्च किया जाता है तथा ₹10000 नगद उसके खाते में आरटीजीएस के माध्यम से भेज दिया जाता है। सहायक विकास अधिकारी कोऑपरेटिव हर्ष यादव ने कहा कि सभी ग्राम प्रधान क्षेत्र पंचायत सदस्य किसानों को नैनो यूरिया प्रयोग करने के लिए किसानों को जागरूक करें। इस मौके पर पूर्व ब्लाक प्रमुख जगदीश सिंह पटेल ने कहा कि अगर किसी को कोई समस्या है तो वह सीधे खंड विकास अधिकारी को बताएं और समस्या का हल न होने पर हमें भी बता सकते हैं ।ब्लॉक प्रमुख सोनम पटेल ने कहा कि लोगों की समस्याएं सुनने के लिए वे हर समय उपलब्ध है किसी भी समस्या के निदान के लिए संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने अपने अध्यक्षीय भाषण के बाद संसद समाप्ति की घोषणा की। इस मौके पर विकासखंड के सभी कर्मचारी अधिकारी, विद्युत विभाग के उपखंड अधिकारी, सिंचाई विभाग के अवर अभियंता सहित अनेक लोग मौजूद रहे। वार्षिक सभा की समाप्ति पर विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर खंड विकास अधिकारी सुषमा देवी व ब्लाक प्रमुख सोनम पटेल ने विकासखंड परिसर में वृक्षारोपण किया।


*इनसेट----*


80% ग्राम सचिवालयों के कंप्यूटर शोपीस


बिंदकी फतेहपुर।सरकार द्वारा ग्राम स्तर पर चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए हर ग्राम सचिवालय में एक कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति की गई है किंतु यह कितने कारगर हैं ?इसकी पोल खोलते हुए चिल्ली ग्राम सभा के क्षेत्र पंचायत सदस्य राजबहादुर उत्तम ने बताया कि विकासखंड देवमई कि 60 ग्राम सभाओं में कंप्यूटर और ऑपरेटर नियुक्त है किंतु 80% ग्राम सचिवालय के कंप्यूटर शोपीस बने हुए हैं। यहां जिन कम्प्यूटर आपरेटरों की नियुक्ति की गई है वे कंप्यूटर के बारे में कुछ भी नही जानते हैं ।कुछ ऑपरेटर तो कंप्यूटर खोलना भी नहीं जानते हैं। इसका कारण जिन ऑपरेटरों की भर्ती की गई है वे  प्रशिक्षित भी नहीं है। 20% ही ग्राम सचिवालय ऐसे हैं जहां ऑपरेटर काम कर रहे हैं।

मालूम हो कि ग्राम सचिवालय में विभिन्न योजनाओं के लिए ऑनलाइन आवेदन   के लिए सरकार ने यह सुविधा कराई है। किंतु यह सुविधाएं क्यों नहीं मिल पा रही हैं इस पर किसी भी अधिकारी का ध्यान नहीं जा रहा है। ना ही कोई अधिकारी इन सचिवालय का निरीक्षण करके इस समस्या के निराकरण के लिए प्रयास कर रहा है। उन्होंने ग्राम सभाओं में बनाए गए सामुदायिक शौचालय के भ्रष्टाचार पर भी उंगली उठाते हुए कहा कि ग्राम शौचालय में ताला बंद रहता है और इनकी सफाई करने भी कोई सफाई कर्मचारी नहीं आता है। जबकि ₹5000 महीने सफाई कर्मी को दिए जाते हैं और ₹3000 प्रति माह इसके रखरखाव के लिए शासन द्वारा मिलते हैं ।क्षेत्र पंचायत सदस्य ने आरोप लगाया है कि ग्राम प्रधान सामुदायिक शौचालय में कार्यरत सफाई कर्मचारियों से आधे आधे का सौदा कर के पेरोल पर सिग्नेचर कर देते हैं।

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