ऑनलाइन साइबर ठगी के शिकार दो आवेदकों के कुल 01 लाख 46 हजार 191 रूपये की धनराशि साइबर क्राइम सेल द्वारा उनके बैंक खातों में कराया गया वापस

 ऑनलाइन साइबर ठगी के शिकार दो आवेदकों के कुल 01 लाख 46 हजार 191 रूपये की धनराशि साइबर क्राइम सेल द्वारा उनके बैंक खातों में कराया गया वापस



फतेहपुर।साइबर अपराध को रोकने व आमजमानस को इससे राहत दिलाने के उद्देश्य के तहत चलाये जा रहे अभियान के तहत पुलिस अधीक्षक फतेहपुर के कुशल निर्देशन व अपर पुलिस अधीक्षक के निकट पर्यवेक्षण में साइबर क्राइम सेल की टीम द्वारा साइबर अपराध के शिकार दो आवेदकों की कुल 01 लाख 46 हजार 191 रूपये की धनराशि अथक परिश्रम व प्रयास के बाद उनके खातों में वापस करायी गयी। विवरण इस प्रकार है-

 दिनांक 13.01.2023 को आवेदिका मनीषा सिंह निवासी मसवानी थाना कोतवाली जनपद फतेहपुर द्वारा साइबर क्राइम सेल कार्यालय उपस्थित होकर, श्रीमान् पुलिस अधीक्षक महोदय को सम्बोधित प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर बताया कि अज्ञात व्यक्ति द्वारा आवेदिका के खाते से दो बार में एक लाख रूपये निकाल लिया गया है। शिकायत प्राप्त होने के उपरान्त पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा साइबर क्राइम सेल टीम को कार्यवाही हेतु आदेशित किया गया जिस पर तत्काल कार्यवाही करते हुए आवेदिका के खाताधारक बैंक आफ बड़ौदा बैंक से निकाले गये रूपयो का विवरण मांगा गया तो बैंक द्वारा बताया गया कि उक्त रूपयो को कनार्टका बैंक व एचडीएफसी बैंक के खातो में ट्रांसफर किया गया है। तत्काल दोनो बैंक को नोटिस देकर ट्रांसफर किये गये रूपयो को होल्ड करने का निवेदन किया गया जिसपर पर एचडीएफसी बैंक द्वारा पचास हजार रूपये फ्रीज किये गये। उक्त घटना के उपरान्त थाना कोतवाली में अभियोग भी पंजीकृत कराया गया जिसके आधार पर नियमानुसार कार्यवाही करते हुये करीब छः माह के उपरान्त माननीय न्यायालय से आदेश प्राप्त कर बैंक से विधिक कार्यवाही कराते हुए आवेदक के 50000/- रूपये उसके खाते में वापस कराये गये । प्रकरण में अन्य विधिक कार्यवाही थाना कोतवाली पर प्रचलित है। 

दिनांक 14.02.2023 को आवेदिका विनीता पुत्री रामजगत वर्मा हाल पता कलेक्टरगंज थाना कोतवाली जनपद फतेहपुर द्वारा पुलिस कार्यालय उपस्थित होकर श्रीमान् पुलिस अधीक्षक महोदय को सम्बोधित प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर बताया कि अज्ञात व्यक्ति द्वारा आवेदिका को काल कर हेल्थ पालिसी को मेडिकल क्लेम बिल का कोरियर भेजने व ट्रैकिंग नम्बर देने की बात बताकर झांसे में लेकर उनके खाते से चार बार में एक लाख रूपये निकाल लिया गया है। जिस पर पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा साइबर क्राइम सेल को कार्यवाही हेतु आदेशित किया गया जिस पर तत्काल कार्यवाही करते हुए आवेदिका के खाताधारक यूनियन बैंक आफ इण्डिया बैंक से निकाले गये रूपयो का विवरण मांगा गया तो बैंक द्वारा बताया गया कि उक्त रूपयो को यस बैंक के खाते में ट्रांसफर किया गया है। यस बैंक को नोटिस देकर ट्रांसफर किये गये रूपयो को होल्ड करने का निवेदन किया गया जिसपर पर यस बैंक द्वारा उक्त खाते को फ्रीज कर दिया गया। उक्त घटना के उपरान्त थाना कोतवाली में अभियोग भी पंजीकृत कर नियमानुसार कार्यवाही आगे बढ़ाई गयी तथा बैंक में होल्ड किये गये पैसे को वापस करने हेतु पत्राचार किय गये । न्यायालय से आदेश प्राप्त कर यस बैंक से विधिक कार्यवाही कराते हुए आवेदिका के फ्राड किये गये रूपयो में से 96191/- रूपये उनके खाते में सकुशल वापस कराये गये । आवेदिका कृत कार्यवाही से पूर्ण सन्तुष्ट है।

दोनो आवेदिकाओ द्वारा कार्यालय साईबर क्राइम सेल में आकर पुलिस अधीक्षक एवं साईबर क्राइम सेल के कर्मचारियों का आभार व्यक्त करते हुए कृत कार्यवाही की भूरि-भूरि प्रशंसा की गयी तथा आभार प्रकट किया गया। *जनमानस से अपील की जाती है कि किसी भी अनजान व्यक्ति को ओटीपी, डेबिट कार्ड/केडिट कार्ड डिटेल एवं यूजर आईडी पासवर्ड शेयर न करें, चाहें वह बैंक कर्मी हो या ट्रेजरी आफिसर या अन्य कोई । कोई व्यक्ति यदि बातों-बातों में आपसे कोई रिमोट एक्सेस एप जैसे- क्वीक सपोर्ट, एनीडेस्क आदि डाउलोड करने को कहे तो कदापि डाउनलोड न करें। विभिन्न माध्यमो जैसे एसएमएस, ई-मेल, व्हाट्सएप मैसेज आदि पर प्रसारित / प्राप्त हो रहे लिंक को न खोलें। किसी भी कम्पनी का कस्टमर केयर नम्बर गूगल पर सर्च करके प्रयोग में न लायें नम्बर प्राप्त करने हेतु उस कम्पनी द्वारा उपलब्ध कराये गये डाक्यूमेंट को देखें या केवल आधिकारिक वेबसाइटों पर उपलब्ध नम्बर का प्रयोग करें । एटीएम से पैसे निकालते समय ध्यान रखें कि कोई दूसरा व्यक्ति आपका एटीएम कार्ड बदल न पायें एवं पैसा निकालने से पूर्व उस मशीन में स्कीमर एवं कैमरा न लगा हो चेक कर ले । अपने मोबाइल को किसी अनजान व्यक्ति को कदापि न दें । विभिन्न सरकारी आवास योजनाओ का लाभार्थी बताकर यदि कोई पैसे मांगे तो कदापि पैसे न दे । यदि आपके मोबाइल नंबर पर मैसेज या काल आता है कि आपके दोस्त/रिश्तेदार ने रुपये भेजे है, उसे रिसीव कर ले या आप उस लिंक को क्लिक करें तो आपके खाते में राशि आ जाएगी तो ध्यान रखे कि यह काल आनलाइन फ्रॉड की भी हो सकती है और इस पर क्लिक करने से आपके खाते से रूपये कट सकते है, अतः जाँच परख के बाद ही लेन देन करे । किसी भी प्रकार की साइबर क्राइम सम्बन्धी शिकायत को दर्ज करने हेतु नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल www.cybercrime.gov.in या टोल फ्री नं0 1930 डायल करें या अपने बैंक को घटना के सम्बन्ध में अवगत कराते हुये नजदीकी थाने या जनपदीय साइबर क्राइम सेल में सम्पर्क करे ।

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