कंजेक्टिवाइटिस होने पर नेत्र चिकित्सक की सलाह पर आंखों में डाले दवाई-सीएमओ

 कंजेक्टिवाइटिस होने पर नेत्र चिकित्सक की सलाह पर आंखों में डाले दवाई-सीएमओ 


- आंखों की बर्फ से करें सिकाई, रखें स्वच्छता का ख्याल मिलेगा आराम

- आंखों में बढ रही तकलीफ को लेकर स्वास्थ्य महकमा हुआ गंभीर, एडवाइजरी जारी

फतेहपुर। बदलते मौसम के साथ इस समय आंखों में बढ रही तकलीफ को लेकर स्वास्थ्य महकमा भी गंभीर हो गया हैं। एक्यूट वायरल कंजेक्टिवाइटिस से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से एडवाइसरी जारी की गई है। मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 अशोक कुमार ने बताया कि यह एक प्रकार के वायरस से होने वाली आंखों की बीमारी है जिसमें आंखें लाल हो जाती हैं आंखों में कर कर आहट रहती है और पलकों में सूजन आ जाती है। सीएमओ ने बताया कि कभी-कभी इसमें कीचड़ भी आता है। शुरू में 48 से 72 घंटे तक आंखों की दिक्कतें बढ़ती हैं इसके बाद आंखों में सुधार आना शुरू हो जाता है 5 से 7 दिनों में यह स्वतः ही ठीक हो जाती है। उन्होंने कहा कि सभी प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, मदन मोहन मालवीय नेत्र चिकित्सालय और जिला चिकित्सालय में आंखों के इलाज की समुचित व्यवस्था है। इसलिये मरीज इधर उधर न भटकें समस्या होने पर सीधे सरकारी अस्पताल पहुंचें। 

इंफेक्शन होने पर क्या करें--

आंखों की सफाई रखें, चार से छह बार आंखों को बर्फ से सिकाई करें, अपना कपड़ा बिस्तर तकिया तोलिया गमछा अलग कर लें, कोई भी वस्तु छूने के बाद हाथों को साबुन से अवश्य धायें, अथवा हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करें। घर के बाहर जाने एवं वापस आने पर सभी लोग कुछ भी छूने से पहले हाथ जरूर धुले। इंफेक्शन होने पर यदि संभव हो तो अपने लिए अलग कमरे की व्यवस्था करें। यदि घर के किसी सदस्य को इंफेक्शन है तो घर के शौचालय और स्नान घर की सफाई का विशेष ध्यान रखें। यदि आंखों में पहले से कोई बीमारी है तो इस बीमारी के लक्षण आने पर तुरंत नजदीकी डॉक्टर से मिले यदि आंखों में इंफेक्शन है तो आंखों पर काले चश्मे का प्रयोग करें तथा लोगों से दूरी बनाकर रखें। घर पर जितने भी लोगों को संक्रमण हो वह अपनी आंखों की दवाओं का इस्तेमाल सिर्फ अपने लिए करें बीमारी से प्रभावित हर व्यक्ति आंखों के लिए आई ड्रॉप अलग अलग रखें।

इंफेक्शन होने पर क्या ना करें ---

बिना डॉक्टर की सलाह के घर में रखे आई ड्रॉप या मेडिकल स्टोर से लेकर आंखों में किसी भी प्रकार के ड्रॉप व दवा प्रयोग ना करें। ऐसा करने पर इंफेक्शन बढ़ने का खतरा और बढ़ सकता है। 

स्कूलों के लिए निर्देश ---

जो बच्चे संक्रमित हो उन्हें ठीक होने तक घर पर रहकर आराम करने की सलाह दी जाए एवं अन्य बच्चे के संपर्क में आने से रोका जाए। स्कूलों में शौचालय की तीन से चार बार अच्छे से अवश्य सफाई कराएं। शौंच के पश्चात साबुन से हाथ अवश्य धुला जाएं अथवा हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करें। हाथों को सूखा रखा जाए बच्चों के क्लासरूम को अधिक से अधिक साफ रखा जाए।

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