दीवानी न्यायालय परिसर में विशेष लोक अदालत का न्यायाधीश ने किया उद्घाटन
फतेहपुर।अपर जिला जज/ सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,
ने बताया कि विशेष लोक अदालत का आयोजन दीवानी न्यायालय में जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर कमलो द्वारा एन0आई0एक्ट की धारा-138 के अन्तर्गत लम्बित वादों के निस्तारण हेतु विशेष लोक अदालत का उद्घाटन मीटिंग हाल में किया गया।
इसी क्रम में उच्च न्यायालय, इलाहाबाद के पत्रांक-10720 / एडमिन. जी. द्वितीय दिनांकित - 11.08.2023 के सन्दर्भ में जनपद न्यायाधीश द्वारा हर घर तिरंगा अभियान दिनांक - 13.08.2023 से 15.08.2023 के तहत समस्त न्यायिक अधिकारियो को अपने हाथो से तिरंगा देकर सभी को अपने-अपने घरो में फहराने हेतु निर्देशित किया गया।
उक्त विशेष लोक अदालत के उद्घाटन में अखिलेश कुमार पाण्डेय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कोर्ट न0-01 प्रमोद कुमार गंगवार विशेष न्यायाधीश एस०सी०एस०टी० विनोद कुमार चौरसिया, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार VI विशेष न्यायाधीश, ई. सी. एक्ट विनय तिवारी, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश / एफ०टी०सी०, प्रथम , श्रीमती नित्या पाण्डेय अपर जिला जज / सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,अविजीत भूषण, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश / एफ०टी०सी०, द्वितीय फतेहपुर, राजबाबू मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, श्रीमती रोमा गुप्ता, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, महेन्द्र सिंह पासवान, सिविल जज सीनियर डिवीजन / एफ०टी०सी० अनुपम कुशवाहा, अपर सिविल जज जू० डिo, कोर्ट न0-01, प्रत्यूश गुप्ता न्यायाधिकारी, ग्राम न्यायालय बिन्दकी , श्रीमती अंकिता सिंह तृतीय, अपर सिविल जज जू०डि0, कोर्ट न0 -02 श्रीमती भावना साहू सिविल जज जूनियर डिवीजन एफ०टी०सी०/ सी0ए0डब्लू0 , अरुण कुमार, सिविल जज जू०डि० जे०एम० खागा -, कु० श्वेता सिविल जज जू०डि० / एफ०टी०सी० आदि उपस्थित रहे।
उक्त विशेष लोक अदालत में माननीय जनपद न्यायाधीश महोदय ने अवगत कराया कि विशेष लोक अदालत में पक्षकारो को बुलाकर उनके मध्य सुलह समझौता के माध्यम से वार्ता कर छूट का लाभ दे कर सफल वादो का अधिक से अधिक निस्तारण किया गया एवं पक्षकारो को विशेष लोक अदालत का लाभ बताया गया कि सुलह समझौता के माध्यम से कम समय में अपने मुकदमों का निस्तारण कराये एवं लोक अदालत का लाभ उठाये। इससे दोनो पक्षो की न तो हार होती है न जीत होती है बल्कि दोनो का समय एवं पैसा दोनो बचता है। उक्त विशेष लोक अदालत में सुलह समझौते के माध्यम से कुल 55 वादों का निस्तारण किया गया।