बूंद बूंद पानी को तरस रहे मडगांव ग्राम वासी

 बूंद बूंद पानी को तरस रहे मडगांव ग्राम वासी



10 वर्षों में कोई नहीं विकास हुआ ग्राम का



बिंदकी/फतेहपुर। तहसील क्षेत्र के अंतर्गत खजुहा ब्लॉक के ग्राम मंडराव में ओवरहेड टंकी वर्षों से शोपीस बनी खड़ी है जिसमें ग्रामवासियों को पीने के पानी के लिए बूंद-बूंद के लिए तरसने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं मलवा विकासखंड के औद्योगिक क्षेत्र सौंरा में भी लोग वर्षों से पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं। दो पंचवर्षीय से भाजपा के प्रतिनिधि ने अपना ध्यान अभी तक अग्रसारित नहीं किया है। ग्रामीणों ने आगामी 20 मई को पड़ने वाले मतदान का बहिष्कार करने का ऐलान किया है और जनपद को नए सांसद को मौका देने के लिए पूरी ताकत झोंकने को तैयार है।

    जानता का प्रतिनिधित्व करने वाले को जब जनता की मूलभूत समस्याओं को ठेंगे में रखकर मात्र खानापूरी के नाम पर ही यह कहा जाता रहा है कि हमने विकास किया है तो जनता यही सवाल पूछने के लिए आतुर होती है कि कौन सा विकास किया गया तो प्रतिनिधि यही बताते हैं कि हमने मेडिकल कॉलेज और केंद्रीय विद्यालय दिया। मानव जीवन के लिए पीने के पानी की कितनी अहमियत रखती है शायद वो यह भूल जाते हैं जबकि जल ही जीवन है, यह बात सभी कोई जानता है। आपको बता दें कि खजुहा ब्लॉक के ग्राम मंडराव में वर्षों से ओवरहेड टंकी शोपीस बनी खड़ी है जिसकी तरफ आज तक सांसद जी का ध्यान अग्रसारित नहीं हुआ है। वहीं मलवा ब्लॉक के सौंरा की आबादी लगभग साढ़े तीन हजार से ऊपर है। औद्योगिक क्षेत्र की वजह से नौकरी करने के लिए बाहरी लोगों का यहां पर आना-जाना होता है। कुछ लोगों ने स्थाई रूप से अपना निवास यहीं पर बना रखा है। इस गांव में लगभग साढ़े पांच सौ परिवार निवास करता है जो कई वर्षों से शुद्ध पेयजल के लिए तरस रहे हैं। सन दो हजार में एक लाख लीटर पानी की क्षमता वाली पानी की टंकी बनी, जो दस वर्षों से शोपीस बनी रही। दो हजार दस में सप्लाई शुरू हुई जो लगभग पचास से साठ घरों तक ही सीमित रह गई। शेष ग्रामीण लगभग दो किलोमीटर की दूरी से पेयजल ढोने के लिए विवश होते आ रहे हैं। जल जीवन मिशन के अंतर्गत सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान के तहत टंकी निर्माण के लिए अधिकारियों का आवागमन शुरू हुआ तो ग्रामीणों को पेयजल समस्या का समाधान होने का आभास होने लगा। सभी आवश्यक खानापूर्ति के बाद जब ठेकेदार ने गांव में बोरिंग मशीन के साथ अपना डेरा डाला तो लगभग एक पखवाड़े तक बोरिंग का कार्य किया गया किंतु वहां पर जब ठेकेदार को खारे पानी के आने का आभास हुआ तो ठेकेदार अपनी बोरिंग मशीन के साथ मौके से गायब हो गया। ग्रामीणों ने जब पता किया तो उन्हे भी मालूम पड़ा कि जहां पर बोरिंग का कार्य किया गया था वहां पर खारा पानी है और ठेकेदार दूसरी जगह बोरिंग करने की तलाश में है। पेयजल समस्या से निजात पाने के लिए एक विश्वास के साथ ग्रामीणों ने अपने क्षेत्र से दो पंचवर्षीय भाजपा प्रत्यासी साध्वी को भारी मतों से सांसद बनाकर संसद भेजने का काम किया। किंतु 10 साल बीत गए ग्रामीणों को न ही पेयजल संकट से निजात मिला और न ही कोई ठेकेदार। पेयजल संकट से परेशान ग्रामीणों ने इस बार के लोकसभा चुनाव में जनपद में अब नए चेहरे को सांसद के रूप में बनाकर संसद तक भेजने की तैयारी में है।

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