जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं तंबाकू नियंत्रण जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया
बांदा - मनोरोग चिकित्सक डॉ0 हरदयाल ने बताया कि नशा एक श्राप की तरह पूरे समाज में फैल रहा है व्यक्ति नशा मानसिक तनाव में, हताशा या निराशा में या विभिन्न प्रकार की चिताओं में लेना शुरू कर देता है जो अत्यधिक चिंता जनक हो जाता है। डॉ रामवीर ने बताया कि हमारे बुंदेलखंड में गुटका तंबाकू आदि का नशा अत्यधिक ऊंचे स्तर पर है जिसे हमारी टीम द्वारा जागरूकता करके तथा काउंसलिंग के माध्यम से कम करने का प्रयास कर रही है। क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ रिजवाना हाशमी ने बताया की व्यक्ति गलत संगत में पड़कर अवसाद या एंजायटी को कम करने के लिए नशे का प्रयोग करता है जो उसी में फसता चला जाता है। नशा मुक्ति केदो के माध्यम से उन्हें पुनर्वास में रखकर नशा मुक्त कराया जाना एक अच्छा कार्य है । अनुश्रवण एवं मूल्यांकन अधिकारी नरेन्द्र कुमार मिश्रा ने बताया कि नशे के कारण हमारे बुंदेलखंड में आत्महत्याओं का भी ग्राफ बढ़ रहा है इसलिए नशा मुक्त करने के लिए हम सबको संयुक्त प्रयास करना होगा। नशा मुक्ति केंद्र की मैनेजर रश्मि सिंह ने सभी को धन्यवाद व्यापित किया और पुनः आने के लिए आमंत्रित किया। जागरूकता कार्यशाला में साइकाइट्रिक नर्स त्रिभुवन नाथ एवं सोशल वर्कर कुलसुम हाशमी ने भी अपने विचार व्यक्त किया। कार्यशाला में सहायक अशोक कुमार एवं नशा मुक्ति केंद्र के सभी स्टाफ ने सहयोग किया।