गूगल मीट ऐप के माध्यम से पशुपालन विभाग के अन्तर्गत संचालित योजनाओं की हुई समीक्षा बैठक
गूगल मीट ऐप के माध्यम से पशुपालन विभाग के अन्तर्गत संचालित योजनाओं की हुई समीक्षा बैठक



 बाँदा -  संयुक्त विकास आयुक्त चित्रकूटधाम मंडल बांदा ल यशवंत कुमार सिंह  ने बताया है कि गूगल मीट ऐप के माध्यम से पशुपालन विभाग के अन्तर्गत संचालित कार्यक्रमों/योजनाओं की आयोजित समीक्षा बैठक संपन्न हुई।
संयुक्त विकास आयुक्त श्री यशवंत कुमार की अध्यक्षता में दिनांक 10.07.2024 को गूगल मीट ऐप के माध्यम से पशुपालन विभाग के अन्तर्गत संचालित कार्यक्रम / योजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी, बैठक में अपर निदेशक (पशुपालन), चित्रकूटधाम मण्डल, बाँदा एवं मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, बाँदा भौतिक रूप से अधोहस्ताक्षरी के कार्यालय कक्ष में उपस्थित रहे तथा मण्डल के अन्य अधिकारी यथा-खण्ड विकास अधिकारी एवं उप पशु चिकित्सा अधिकारी गूगल मीट ऐप के माध्यम से उपस्थित रहें।

समीक्षा बैठक के दौरान बैठक में उपस्थित अधिकारियों को निम्नवत् निर्देश दिये गये:-

मण्डल में गौवंश संरक्षण की स्थिति निम्नवत् है :-

जनपद बांदा में निराश्रित गौवंश संरक्षण का लक्ष्य 47658, कुल क्रियाशील गौ-आश्रय की संख्या 316,
कुल संरक्षित निराश्रित गौवंश 64148, कुल संरक्षित निराश्रित गौवंश % 134.60%
जनपद महोबा में निराश्रित गौवंश संरक्षण का लक्ष्य 61765, कुल क्रियाशील गौ-आश्रय की संख्या 307,
कुल संरक्षित निराश्रित गौवंश 39219, कुल संरक्षित निराश्रित गौवंश % 63.50%
जनपद चित्रकूट में निराश्रित गौवंश संरक्षण का लक्ष्य 68813, कुल क्रियाशील गौ-आश्रय की संख्या 309,
कुल संरक्षित निराश्रित गौवंश 52953, कुल संरक्षित निराश्रित गौवंश % 76.95%
जनपद हमीरपुर में निराश्रित गौवंश संरक्षण का लक्ष्य 42830, कुल क्रियाशील गौ-आश्रय की संख्या 331,
कुल संरक्षित निराश्रित गौवंश 48438, कुल संरक्षित निराश्रित गौवंश % 113.09%
मंडल में निराश्रित गौवंश संरक्षण का योग 221066, कुल क्रियाशील गौ-आश्रय की संख्या 1263,
कुल संरक्षित निराश्रित गौवंश 204758, कुल संरक्षित निराश्रित गौवंश % 92.62%

उपलब्ध कराये गये प्रगति विवरण के अनुसार जनपद महोबा द्वारा 63.50% एवं

चित्रकूट द्वारा 76.95% गौवंश ही गौशालाओं में संरक्षित किये गये है। बैठक में उपस्थित अपर निदेशक (पशुपालन), चित्रकूटधाम मण्डल, बाँदा द्वारा अवगत कराया गया कि शासन द्वारा बुन्देलखण्ड क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले जनपदों को माह अप्रैल, मई एवं जून 2024 में गौशालाओं में संरक्षित गाँवंशों को खुले में छोडने के निर्देश प्रदान किये गये थे। वर्तमान माह जुलाई 2024 में जनपद के समस्त अधीनस्थ अधिकारियों को खुले में विचरण कर रहे गाँवंशों को गौशालाओं में संरक्षित करने के निर्देश निर्गत कर दिये गये है।

निर्देशित किया जाता है कि शासन द्वारा दिये गये निर्देशानुसार उल्लिखित माह अप्रैल, मई एवं जून 2024 की समय सीमा समाप्त हो चुकी है। अतएव खुले में घूम रहे समस्त गौवंशों को अपने अधीनस्थ अधिकारियों / कर्मचारियों के सहयोग से 25 जुलाई 2024 के पूर्व प्रत्येक दशा में गौशालाओं में संरक्षित करा दिया जाये।

उपलब्ध कराये गये प्रगति विवरण के अनुसार मण्डल के तीन जनपद बाँदा, महोबा एवं हमीरपुर द्वारा संरक्षित गौवंशों के ईयर टैगिंग का कार्य 100% पूर्ण कर लिया गया है। किन्तु जनपद चित्रकूट द्वारा संरक्षित गौवंशों के सापेक्ष अधिक ईयर टैगिंग कर दी गयी है, जो प्रगति का 115.39% है। जनपद चित्रकूट की सूचना त्रुटिपूर्ण परिलक्षित हो रही है।

निर्देशित किया जाता है कि मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, चित्रकूट उक्त अधिक के प्रगति के संबंध में कारण सहित आख्या 03 दिवस के के अन्दर उपलब्ध कराये।
उपलब्ध कराये गये प्रगति विवरण के अनुसार मण्डल के समस्त जनपदों द्वारा 100% अधिक गाँवंशों को सुपुर्द किया गया है।

निर्देशित किया जाता है कि मण्डल के समस्त उप पशु चिकित्सा अधिकारी अपने विकासखण्ड के समस्त गौपालको के घर जाकर सत्यापन करे कि गौपालको द्वारा शासन द्वारा निर्दिष्ट माह अप्रैल, मई एवं जून 2024 में गौवंश को अपने घर पर रखा गया है या खुला छोडा गया है एवं खण्ड विकास अधिकारी एवं उप पशु चिकित्सा अधिकारी अपने संयुक्त हस्ताक्षर से अपने विकासखण्ड की रिपोर्ट अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध कराये। साथ ही यह भी स्पष्ट करना है।
कि गौवंश सुपुर्दगी कार्यक्रम प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। अतः इस कार्यक्रम में किसी भी प्रकार की वित्तीय अनियमितता संबंधी शिकायते प्रकाश में आती है तो संबंधित अधिकारी का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुये नियमानुसार कठोर कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नही होगा।

समस्त खण्ड विकास अधिकारी एवं उप पशु चिकित्सा अधिकारी अपने विकासखण्ड क्षेत्रान्तर्गत खुले में घूम रहे गौवंशों को गौशाला में संरक्षित किये जाने के निमित्त 15 दिवसीय "गौ संरक्षण अभियान" चलाकर खुले में घूम रहे समस्त गौवंशों को 25 जुलाई 2024 तक प्रत्येक दशा में गौशालाओं में संरक्षित कराना सुनिश्चित करें। यदि अभियान सम्पन्न होने के उपरान्त कोई भी गौवंश सड़कों में घूमता पाया गया तो संबंधित खण्ड विकास अधिकारी एवं उप पशु चिकित्सा अधिकारी का दायित्व निर्धारित करते हुये उसके खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी l

समस्त खण्ड विकास अधिकारी एवं उप पशु चिकित्सा अधिकारी 15 दिवसीय "गौ संरक्षण अभियान' सम्पन्न होने के उपरान्त अपने संयुक्त हस्ताक्षर से अपने जनपद के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को इस आशय का प्रमाण-पत्र उपलब्ध करायेंगे कि अब हमारे विकासखण्ड में कोई भी गाँवंश खुले में विचरण नही कर रहा है तथा मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी समस्त प्रमाण-पत्रों का संकलन कर अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध करायेंगे।

समस्त उप पशु चिकित्सा अधिकारी आगामी 15 दिनों में अपने विकासखण्ड के समस्त गौपालकों को सुपुर्द किये गये गौवंशों का गम्भीरता से सत्यापन कर ले, यदि अधोहस्ताक्षरी के क्षेत्र भ्रमण के दौरान आपके द्वारा उपलब्ध करायी गयी सत्यापन रिपोर्ट में कोई भिन्नता पायी गयी तो संबंधित का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुये कठोर कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।

समस्त मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी 03 दिवस के अन्दर अपने जनपद के समस्त विकासखण्ड से इस प्रकार रिपोर्ट प्राप्त करे कि 1-कितने माह की डिमांड शासन प्रेषित की गयी है 2-कितने माह की धनराशि शासन द्वारा भुगतान कर दी गयी है 3-किर माह की धनराशि शासन द्वारा भुगतान किया जाना शेष है 4-कितनी धनराशि का उपभोग प्रमाण पत्र शासन को प्रेषित कर दिया गया है।

समस्त मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी समय-समय पर जनपद में निर्माणाधीन स्थाई / अस्थाई गौशालाओं का निरीक्षण करते रहे और यह सुनिश्चित करे कि जो भी कार्य हो रहा हो वह मानक के अनुरूप एवं गुणवत्तापूर्ण हो।
वर्तमान में वर्षा का समय चल रहा है समस्त मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी जनपद की समस्त गौशालाओं का सत्यापन कराले, कि कोई भी गौशाला में जल भराव की तो स्थिति नही है? गौवंशों के वर्षा से बचाव हेतु पर्याप्त व्यवस्था है कि नहीं? यदि जल भराव एवं वर्षा से भीगने की स्थिति है तो तत्काल वहाँ पर खडन्जा व पडन्जा तथा टीन सेड लगवाकर गौवंशों बैठने
हेतु समुचित प्रबन्ध कराना सुनिश्चित करें।

समस्त गौशालाओं में निराश्रित गोवंशों हेतु शुद्ध पेयजल, भूसा, हरा चारा, खली चोकर इत्यादि की पर्याप्त व्यवस्था हो।
वर्षाकाल में पशुओं को होने वाले रोग से बचाव हेतु पर्याप्त दवाओं की व्यवस्था सुनिश्चित करा ली जाय।
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