सन्त बाबा उमाकान्त जी महाराज ने बताया जीवात्मा की बंधन से रक्षा यानी रक्षाबंधन का तरीका - नामदान
बिना सतसंग के मनुष्य, पशु-पक्षी के समान खाता-पीता, बच्चें पैदा करता और चला जाता है-बाबा उमाकान्त जी महाराज
सीकर (राजस्थान)।रक्षाबंधन विशेषमानव को लोक परलोक बनाने का रास्ता बताने वाले उज्जैन के बाबा उमाकान्त जी महाराज के सानिध्य में राजस्थान के ऐतिहासिक शहर सीकर में दो दिवसीय आध्यात्मिक रक्षा बंधन पर्व के प्रथम दिन भक्तों को उपदेश देते हुए सतसंग का महत्त्व समझाते हुए की बताया कि सतसंग नहीं मिलने के कारण आदमी भटक गया, जिससे लोगों के कर्म ख़राब हो गए। कर्म किसे कहते है? मनुष्य अपने हाथ-पैर से जो काम करता है उसे कर्म कहते है। तो जब कर्म खराब होने लगे तो सज़ा मिलने लगी क्योकिं बिन सतसंग विवेक ना होई"। बिना सतसंग के मनुष्य पशु-पक्षी के समान खातापीता, बच्चें पैदा करता और मर जाता हैं। इसलिए सतसंग सबसे ज़रूरी है।
*सतसंग कहते किसे है?*
सतसंग की व्याख्या करते हुए बाबा उमाकान्त जी महाराज ने बताया कि जो सबका मालिक है,जिसने सबको बनाया,जो सबका सिरजनहार है, जो सत देश मे रहते है,जिन्हें सतपुरुष कहा गया है, तो जो उनका परिचय करवाता है उनके बारे में बताता है,उनकी बातें बताता है उसे बताना ही सतसंग कहलाता है।
*गुरु आदेश का पालन करना*
महाराज जी ने बताया कि,गुरु का दर्जा सबसे ऊंचा होता है कहते है कि " गुरु राजी तो कर्ता राजी,काल कर्म की चले ना बाज़ी" तो आज रक्षा बंधन की पूर्व संध्या पर आप लोग जो यहां बैठे हो ये संकल्प लीजिये की गुरु आदेश का पालन करेंगे,उनके बताए वचनों का पालन करेंगे, उनके द्वारा बताए रास्ते पर चलेंगे।
*नामदान एव दर्शन*
इस रक्षाबन्धन पर्व में अपने गुरु के दर्शन और सतसंग को सुनने के लिए राजस्थान समेत उप्र, मप्र, गुजरात के साथ-साथ सम्पूर्ण भारत से हजारों की संख्यां में भक्तों का आगमन सीकर स्थित आश्रम में हुआ। जिन्हें महाराज जी द्वारा ईश्वर के दर्शन कराने वाला नामदान(गुरु मंत्र) दिया गया। सतसंग के पश्चात महाराज जी ने सभी भक्तों को दर्शन दिया। आने वाले भक्तों के लिए ठहरने,भोजन, शौचालय,आवास जैसी समस्त व्यवस्थाएं संगत के सेवादारों की गई है। राखी के दिन भी प्रातः5 बजे से महाराज जी द्वारा भक्तों को सतसंग,नामदान एवं दर्शन दिया जाएगा।
*सतसंग में आये मंत्रीगण एवम गणमान्य नागरिक*
झाबर सिंह खर्रा, UDH मंत्री, राजस्थान सरकार
कमल जी सिखवाल, जिलाध्यक्ष, भाजपा, सीकर
सुमेधानंद जी सरस्वती, पूर्व सांसद, सीकर
हरिराम जी रणवा, भाजपा नेता, सीकर
गोवर्धन वर्मा, विधायक, धोद
महेश जी शर्मा, पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा, सीकर
ताराचन्द धायल, उप जिला प्रमुख, सीकर
राजकुमार जोशी, शहर अध्यक्ष भाजपा, सीकर
राजकुमारी शर्मा, पूर्व विधायक, सीकर
राजेन्द्र जी पारीक, विधायक, सीकर
जीवण ख़ाँ, सभापति, नगर परिषद, सीकर
ओमप्रकाश झीगर, पूर्व प्रधान, धोद
अशोक जी चौधरी, प्रतिपक्ष नेता, नगर परिषद, सीकर
पवन जी मोदी, पूर्व जिलाध्यक्ष, भाजपा, सीकर
शिवकुमार लखोटिया, भाजपा नेता, लक्ष्मणगढ़ सीकर
गोविंद सैनी, भाजपा नेता, सीकर रामसिंह जी पिपराली, भाजपा नेता, गजानंद कुमावत, भाजपा नेता, दांतारामगढ़ सीकर एवं अधिकारी गण।