अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस पर ज्योति बाबा ने नशे से आजादी के लिए जागरूकता युद्ध का किया आवाहन
ड्रग्स का लती जीवन के प्राकृतिक आनंद से होता वंचित... ज्योति बाबा
सीमा की सुरक्षा में लगे जवान को स्वाभिमानी सलामी देने के लिए ड्रग्स को ना बोले...ज्योति बाबा
कानपुर। मादक पदार्थों का सेवन एक गंभीर समस्या है जो विशेष रूप से युवाओं को अपनी चपेट में लेकर उनके भविष्य को अंधकारमय बना देता है ड्रग्स के अवैध व्यापार के धन के चलते आतंकवादियों को पोषित किया जा रहा है क्योंकि भारत की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि वह नशे के प्रसार क्षेत्र में स्थित है एक तरफ गोल्डन क्रिसेंट अफगानिस्तान,पाकिस्तान व ईरान है तो दूसरी और गोल्डन ट्रायंगल म्यांमार,थाईलैंड,लाओस है इसीलिए भारत ड्रग्स का हब सबसे ज्यादा युवा आबादी के चलते बन चुका है उपरोक्त बात सोसाइटी योग ज्योति इंडिया के तत्वाधान में हिंदू जागरण मंच के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थों का दुरुपयोग एवं अवैध व्यापार विरोधी अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी शीर्षक नशा छोड़ो - जीवन जोड़ो के तहत अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्ति अभियान के प्रमुख,एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डधारी योग गुरू ज्योति बाबा ने कहीं,ज्योति बाबा ने कहा कि आज सभी को मादक द्रव्य एवं नशीले पदार्थ के सेवन से बचने का संकल्प लेना ही होगा।आज आवश्यकता है कि हम सब मिलकर इस सामाजिक बुराई के विरुद्ध आवाज बुलंद करें, प्रत्येक नागरिक विशेष रूप से युवा वर्ग को यह समझना होगा कि अवैध मादक पदार्थों का सेवन कोई समाधान नहीं, बल्कि विनाश का मार्ग है सभी नागरिकों, शिक्षकों,अभिभावकों, स्वयंसेवी संगठनों और युवाओं को मिलकर इस दिवस को जन आंदोलन के रूप में बदलने का प्रयास करना होगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष पीयूष रंजन मिश्रा सनातनी ने कहा कि आइए हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि पूरा समाज एकजुट होकर एक नशा मुक्ति स्वस्थ जागरूक और सशक्त भारत का निर्माण करेगा।
नशीली दवाओं का दुरुपयोग परिवारों और सामाजिक रिश्तों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है नशे की लत से जूझ रहे व्यक्ति,परिवार और दोस्तों से अलग-थलग पड़ सकते हैं डॉक्टर आर सी शर्मा ने कहा कि जो लोग नशे के आदी होते हैं उनमें संक्रामक रोग जैसे एचआईवी लगने की संभावना अधिक होती है, नशीली दवाओं की लत से अल्पकालिक और दीर्घकालिक मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
अमित सिंह रोबिन ने जोर देकर कहा कि भारत की युवा आबादी को ड्रग्स के जाल में फंसने से ना रोका गया तो हम विकसित भारत की श्रेणी में कैसे खड़े हो पाएंगे।
एनिमल लवर सोशल एक्टिविस्ट मयंक त्रिपाठी ने कहा कि लंबे समय तक नशीली दवाओं का दुरुपयोग अक्सर प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है जिससे व्यक्ति संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है।
वूमेन सोशल एक्टिविस्ट गीता व सुलोचना दीक्षित ने कहा कि नशे की लत से जूझ रहे व्यक्ति के मस्तिष्क का रिवॉर्ड सर्किट असामान्य रूप से कम हो जाता है वो नीरस, बेजार और उदास महसूस करते हैं वे उन चीजों का आनंद लेने में असमर्थ हैं जिनका वे पहले आनंद लेते थे। इस अवसर पर जाने-माने होम्योपैथी चिकित्सक अटल आरोग्य क्लीनिक के डायरेक्टर डॉक्टर अतुल मिश्रा ने ज्योति बाबा को पिछले 35 वर्षों से नशा मुक्ति युवा भारत अभियान चलाने के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया।
अंत में योग गुरू ज्योति बाबा ने सभी को ड्रग्स मुक्त जीवन जीने का संकल्प कराया।