घर परिवारों में बुजुर्गों के साथ बढ़ता दुर्व्यवहार में बड़ा कारण नशा...ज्योति बाबा
एकल परिवार संस्कृत के चलते बुजुर्गों का जीवन बना पीड़ादायक... ज्योति बाबा
कानपुर। विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस की थीम है दीर्घकालिक देखभाल सुख सुविधाओं में वृद्धो के साथ दुर्व्यवहार को संबोधित करना डाटा और कार्रवाई के माध्यम से यह थीम वृद्धि विशेष रूप से नर्सिंग होम और सहायता प्राप्त करने वाले केंद्रों जैसी दीर्घकालिक देखभाल सुविधाओं में रहने वाले लोगों के साथ दुर्व्यवहार अपेक्षा और दुर्व्यवहार को संबोधित करने की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालती हैं यह इन सैटिंग्स के भीतर बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार की पहचान करने,समझने और उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए डेटा संचालित दृष्टिकोण का उपयोग करने के महत्व पर जोर देता है उपरोक्त बात सोसाइटी योग ज्योति इंडिया के तत्वाधान में हिंदू जागरण मंच के सहयोग से नशा मुक्ति युवा भारत अभियान के तहत विश्व वृद्ध दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी शीर्षक बुजुर्गों के साथ बढ़ता दुर्व्यवहार में बड़ी भूमिका निभाते युवा नशा पर अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्ति अभियान के प्रमुख एवं एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डधारी योग गुरू ज्योति बाबा ने कही, श्री ज्योति बाबा ने जोर देकर कहा कि घर के बच्चों का नशेबाज बनने के चलते बुजुर्गों के धन संपत्ति का दुरुपयोग,शारीरिक दुर्व्यवहार या पीड़ा चोट पहुंचाने के इरादे से किया गया कार्य तथा भावनात्मक चोट या पीड़ा पहुंचाने का कार्य आज हम बहुतायत में देख रहे हैं जिसके चलते भारत ही नहीं विश्व के वृद्धो को वृद्ध आश्रमों में रहने का ठौर खोजना पड़ रहा है जिस उम्र में माता-पिता बच्चों से देखभाल की ज्यादा उम्मीद करते हैं इस उम्र में उनके अपने बच्चे ही पीड़ा देने के निमित्त बन चुके हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष पीयूष रंजन मिश्रा सनातनी ने कहा कि वर्तमान समय बुजुर्गों के लिए ज्यादा कष्टकारी है क्योंकि भारत में भी एकल परिवार संस्कृत का जोर चरम पर है, ऐसे में घर के बुजुर्गों की देखभाल कैसे हो, जिस देश में घर के बुजुर्गों की सेवा व उनकी आवश्यकताओं को पूरा करना शास्त्रों के अनुसार बहुत पुण्य का काम माना जाता है उसी देश में लगभग हर शहर में घर परिवारों में दुर्व्यवहार के चलते वृद्ध आश्रमों की एक लंबी श्रृंखला खड़ी हो चुकी है।
डॉ आर सी शर्मा ने कहा कि भारत में 2050 में वृद्धो की संख्या अभी की तुलना में दुगनी हो चुकी होगी लेकिन ऐसा लगता है बच्चों के नशे के रोग के कारण उसमें बीमार पड़े बच्चों की बुढ़ापे में खुद वृद्धो को सेवा करनी पड़ेगी।
उत्तर अध्यक्ष अमित सिंह रोबिन ने कहा कि देश के वृद्धो को दुर्व्यवहार से बचाने के लिए बच्चों को नशे के रोग से बचाना अति आवश्यक है।
मयंक त्रिपाठी ने जोर देकर कहा कि अब तो सनातन हिंदू परिवारों में भी वृद्धो के साथ घर के लोगों के द्वारा ही रोज विभिन्न प्रकार की हिंसा व शोषण की घटनाएं प्रकाश में आ रही हैं।
संगोष्ठी की अध्यक्षता कुशल पाल सिंह संयोजन श्रीमती सुलोचना दीक्षित व धन्यवाद टिंकू वाल्मीकि ने दिया। अंत में योग गुरू ज्योति बाबा ने सभी को वृद्धो की सेवा करने एवं नशा मुक्त भारत बनाने का संकल्प दिलाया।