योग अपनायें नशे से दूरी बनाएं...ज्योति बाबा
नशा मुक्त जीवन के लिए योग संगम में नित्य डुबकी लगाओ...ज्योति बाबा
कैंसर मुक्त जीवन के लिए योग अपनाओ....ज्योति बाबा
योग की युक्ति- नशे से मुक्ति....ज्योति बाबा
जिसने योग अपनाया, उसने नशा मुक्त जीवन पाया...ज्योति बाबा
योग इंसान को स्वस्थ,निराकार एवं नशा मुक्ति बनाता है... ज्योति बाबा
कानपुर। सेहतमंद शरीर की अहमियत तब समझ में आती है जब हम अचानक ही गंभीर रूप से बीमार हो जाते हैं हमारी स्थिति ऐसी हो जाती है कि हम अपने रोजमर्रा के काम भी नहीं कर पाते हैं ऐसी सिचुएशन ना आए इसके लिए बहुत जरूरी है कि हमें योग को अपनी जिंदगी का अहम हिस्सा बनाना होगा,योग का अर्थ जोड़ना या मिलना है यह न सिर्फ शारीरिक व्यायाम है,बल्कि यह मानसिक, आत्मिक और भावनात्मक संतुलन को भी बनाए रखता है हमें गर्व है योग की उत्पत्ति भारत में हुई, जिसे आज पूरी दुनिया अपनाने लगी है इसी महान विरासत को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष 21 जून को यानि साल का सबसे लंबा दिन में मनाया जाता है उपरोक्त बात सोसाइटी योग ज्योति इंडिया के तत्वाधान में हिंदू जागरण मंच के सहयोग से नशा मुक्ति युवा भारत अभियान के तहत विश्व योग दिवस 21 जून के अवसर पर योग भगाए रोग कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय नशा मुक्ति अभियान के प्रमुख एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डधारी योग गुरू ज्योति बाबा ने कहीं,ज्योति बाबा ने कहा कि इस दिन सूर्य की रोशनी लंबे समय तक धरती पर बनी रहती है भगवान शिव जिन्हें आदियोगी भी कहा जाता है उन्होंने इस ही दिन से जिसे ग्रीष्म संक्रांति भी कहा जाता है अपने शिष्यों को योग का ज्ञान देने की शुरुआत की थी।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की इस वर्ष की थीम है एक धरती एक स्वास्थ्य के लिए योग। गीता में भगवान कृष्ण ने योग की व्याख्या करते हुए कहा है योग: कर्मसु कौशलम् अर्थात कर्म की कुशलता ही योग है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष पीयूष रंजन मिश्रा सनातनी ने कहा कि सभ्यता द्वारा घायल हुए लोगों के लिए योग सबसे बड़ा मरहम है योग मन के उतार-चढ़ाव की स्थिरता है, नियमित ध्यान योग करते हैं तो अशांति दूर हो जाती है और मन एकाग्र हो जाता है जिससे चुने हुए लक्ष्य में सफलता मिलती है।
जीव जंतु प्रेमी मयंक त्रिपाठी ने कहा कि मृत्यु एक शाश्वत सत्य है जिसे हम झूठला नहीं सकते, किंतु उसे सत्य की प्राप्ति के समय हम योग से स्वस्थ रह सकते हैं।
अमित सिंह रोबिन ने कहा कि योग से वह रोग भी ठीक हो जाता है जो सांसारिक दवाइयां से संभव नहीं है योग केवल शारीरिक अभ्यास ही नहीं यह मानसिक अभ्यास भी है।
डॉ आर सी शर्मा ने कहा की शरीर और आत्मा के लिए तोहफा है योग,खुद को खुद से मिलने का मौका है योग, योग से आप अपने जीवन में स्थिरता ला सकते हैं।
सोशल एक्टिविस्ट गीता ने कहा कि नियमित योग से जीवन में हो सुख शांति योग है नशा मुक्त भारत के लिए क्रांति।
टिंकू वाल्मीकि ने कहा की योगाश्चित वृत्ति निषेध, चित् की वृत्ति के निषेध का नाम ही योग है। योग के विभिन्न आसनों को करने के पश्चात सभी को योग गुरू ज्योति बाबा ने योग अपनाओ नशा भगाओ का संकल्प भी कराया और सभी को योग नाश्ता भी दिया गया ।
अंत में गायत्री मंत्र का पाठ करके कार्यक्रम का विधिवत समापन हुआ।