रेडियोलॉजिस्ट के न आने का कारण बना एक कर्मचारी
विभागीय कार्रवाई अब तक रही बेअसर
फतेहपुर।जिसका जिला प्रशासन,स्वास्थ्य विभाग और जनप्रतिनिधि बाल बांका नहीं कर पाए तो फिर किसी की क्या मजाल उसकी तरफ कोई आँख उठा कर देख सके। हम किसी और की नहीं बल्कि जिला अस्पताल के एक्सरे विभाग में तैनात एक कर्मचारी की बात कर रहे हैं। इसी कर्मचारी की ही दहशत का नतीजा है कि यहां रेडियोलॉजिस्ट चिकित्सकों की नियुक्ति हो जाने के बाद आने को तैयार नहीं होते,तभी तो विगत 28 महीनों से यह पद खाली है और मरीजों को कौशांबी जनपद जाकर अपनी जांच करानी पड़ती है। कुल मिलाकर यही कहा जा सकता है कि यहां के जनप्रतिनिधियों को आम लोगों की चिंता नहीं है यदि चिंता हुई होती तो भ्रष्टाचार की कुंडली मारकर बैठे इस कर्मचारी पर अब तक विभागीय कार्रवाई की गाज गिर गई होती।
जिला अस्पताल के x-ray विभाग में तैनात एक कर्मचारी की चर्चा आम है शहर में ही नहीं बल्कि ग्रामीण इलाकों में इसके कारनामो चर्चा किसी की जुबानी सुनी जा सकती है। इन्हीं चर्चाओं के बीच विगत कई सालों से वह अपने कामों को अंजाम देता रहा है। स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइंस को धता बताकर अपने नियम को ही चलाता आ रहा है। पुलिस के मामलों में जैसे इसे विशेषज्ञ डॉक्टर की डिग्री प्राप्त हो,मनचाही रिपोर्ट IPC की धारा बता कर प्राप्त की जा सकती है लेकिन इसके लिए इस कर्मचारी की जेब को भरनी पडेगी। ऐसा कई सालों से होता आ रहा है,अभी भी हो रहा है। इसके इस काले कारनामों को रोकने के लिए कई लोग सामने आए। जिसमें जिला प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग और जनप्रतिनिधियों ने जोर आजमाइश की लेकिन इस कर्मचारी का कुछ भी नहीं हो सका,ना तो विभागीय कार्रवाई का चाबुक चला और ना ही स्थानांतरण हो सका। एक बार इसका स्थानांतरण हुआ भी तो फिर लौटकर अपनी पुरानी जगह पर आ गया। इसे देखकर यही लगता है कि इस कर्मचारी की पकड़ बहुत ऊपर तक है,तभी तो इसका कोई भी बाल बांका नहीं कर पा रहा।रेडियोलॉजिस्ट के यहाँ न आने का मुख्य कारण भी यही महाशय है। चिकित्सकों के मन में यही भय रहता है कि कही करें कौन और भरे कौन वाली स्थिति ना हो जाए। कहने का मतलब यह है कि इस कर्मचारी के काले कारनामे की सजा उन्हें ना भुगतनी पड़ जाए,इसी डर के चलते रेडियोलॉजिस्ट चिकित्सक यहाँ आने को तैयार नहीं होते। कई बार जिला चिकित्सालय में स्थानांतरण हुआ लेकिन इस कर्मचारी का भय इतना है कि वह यहां आने को तैयार नहीं हुए। जिले के व्यापारियों सहित गुलाबी गैंग ने अब इस मामले को उठाया है और यहां व्याप्त भ्रष्टाचार के साथ खाली पड़े रेडियोलॉजिस्ट के पद को भरने की मांग की है
जब अपने काले कारनामों को लेकर यह कर्मचारी चर्चित है तो फिर इस पर ठोस कार्रवाई को लेकर स्वास्थ विभाग क्यों बच रहा है। ऐसे सवाल पूछे जा रहे हैं।