सुप्रीम कोर्ट ने वैवाहिक विवाद मामलों में गुजारा भत्ते के भुगतान के लिए दिए खास दिशा-निर्देश
(न्यूज़)।सुप्रीम कोर्ट ने वैवाहिक विवाद मामलों में देश की विभिन्न अदालतों द्वारा अंतरिम मुआवजा और गुजारा भत्ते की राशि के निर्धारण में एकरूपता लाने के इरादे से बुधवार को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये।जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस आर सुभाष रेड्डी की पीठ ने कहा कि ओवरलैपिंग अधिकार क्षेत्र और परस्पर विरोधी आदेशों की समस्या से निकलने के लिए कुछ निर्देश देने की आवश्यकता थी।शीर्ष अदालत ने ओवरलैपिंग अधिकार क्षेत्र, अंतरिम गुजारा भत्ते का भुगतान, गुजारा भत्ते की राशि निर्धारित करने का आधार, गुजारा भत्ते के भुगतान की तारीख का निर्धारण और गुजारा भत्ते के आदेशों पर अमल जैसे बिंदुओं पर दिशा-निर्देश जारी किये हैं।शीर्ष अदालत ने महाराष्ट्र के एक वैवाहिक मामले में यह फैसला सुनाया।इस मामले में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 125 के अंतर्गत पत्नी और बेटे के लिए गुजारा भत्ते का सवाल उठाया गया था।अदालत ने इस मामले में पहले वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन और अनीता शिनॉय को अंतरिम गुजारा भत्ते के भुगतान के बारे में दिशा निर्देश तैयार करने मे मदद के लिए न्याय मित्र नियुक्त किया था।