कथित राजस्थानियों के गैंग ने इकठ्ठा किए बड़ी संख्या में अन्ना गोवंश
पुलिस ने कहा यह तो किसानों के हित में, जांच का विषय नहीं
गिरिराज शुक्ला
बिंदकी फतेहपुर।थाना बकेवर क्षेत्र में पुलिस के संरक्षण में गोवंश तस्करी की चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं ।क्षेत्रीय ग्रामीणों के अनुसार पशु तस्करों द्वारा क्षेत्र में राजस्थान के कुछ लोगों द्वारा जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं क्षेत्र में घूम रहे अन्ना जानवरों को पकड़कर कंटेनरों द्वारा तस्करी किए जाने का अंदेशा जताया गया है। मिली जानकारी के अनुसार बकेवर थाना क्षेत्र के भैरमपुर व गोपालपुर के मध्य नाले के आसपास लगभग दो हजार इकट्ठा किए गए अन्ना मवेशी देखे गए हैं। मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कथित राजस्थान से आए लगभग तीन दर्जन पुरुष व महिलाएं गांव में जा जाकर किसानों से अन्ना घूम रहे जानवरों को पकड़कर उनके ठिकाने पर पहुंचाने को कहते हैं और उनसे राजस्थान गौशाला में ले जाने की बात कहकर सौ से ₹200 प्रति जानवर के हिसाब से वसूली भी कर लेते हैं। गांव में बाइकों द्वारा गांवों में जाकर इस कथित राजस्थानी गैंग के लोगों द्वारा किसानों से संपर्क करके अन्ना जानवरों को उनके कथित ठिकाने पर पहुंचाने की बात कही जाती है और यह बताया जाता है कि यह अन्ना जानवर पकड़कर राजस्थान की गौशाला में ले जाए जाएंगे। प्रत्यक्षदर्शी लोगों ने बताया कि यह कथित राजस्थानी उन्हीं जानवरों को रखते हैं जो शरीर से हष्ट पुष्ट होते हैं। कमजोर पशुओं को यह अपने झुंड से अलग कर देते हैं। जानकारी के मुताबिक कस्बा बकेवर,खजुहा ,घोरहा, बिजुरी, आलमपुर, गोपालपुर,कंश्मीरीपुर आदि गांव के लोगों द्वारा इन्ना मवेशियों को वहां तक पहुंचाया गया है।ग्रामीणों की सूचना के आधार पर जब मीडिया कर्मियों ने मौके पर जाकर देखा तो वहां लगभग 2000 मवेशी इकट्ठे दिखाई पड़े।
इस संबंध में जब कथित राजस्थानिओं से मीडिया कर्मियों ने बात करनी चाही तो उन्होंने इस बात को मोड़ देते हुए कहा कि राजस्थान में सूखा पड़ा हुआ है। जिसकी वजह से वह अपने पशुओं को लेकर यहां आए हैं और गर्मियों तक चारे की व्यवस्था हो जाने पर इन्हें वापस लेकर जाएंगे। जबकि लोगों का कहना है कि रात के अंधेरे में ट्रकों लादकर में इन मवेशियों को तस्करों के हवाले कर दिया जाता है। कथित राजस्थानियों में शामिल महिला संतोषी ने बताया कि यह जानवर वह अपने अन्य लगभग 35-40 साथियों के साथ राजस्थान से लेकर आई है। उसने यह आरोप लगाया कि यहां के लोग जबरिया उनसे जानवर छीनना चाहते हैं।इस राजस्थानी गैंग के जब अन्य सदस्यों से मीडिया कर्मियों ने कुछ पूछना चाहा तो वह अपना नाम बताने से कतराते रहे और उन्होंने इन्हें राजस्थान ले जाने की बात कही।इस संबंध में जब थाना बकेवर के एसएसआई कैलाश नाथ उपनिरीक्षक आदित्य नारायण सिंह आदि से जानकारी चाही गई तो उन्होंने ऐसी किसी भी जानकारी से इनकार करते हुए कहा कि यह तो किसानों के हित में अच्छा है क्योंकि यह अन्ना जानवर उनके खेतों कोचर जाते हैं ऐसी स्थिति में अगर इन्हें कोई पकड़ कर ले जाता है तो कौन सी बुरी बात है।अब सवाल यह उठता है कि प्रदेश सरकार द्वारा इन अन्ना मवेशियों को स्थानी गौशालाओं में रखने की बात कही जा रही है किंतु गौशालाओं में इतने पशुओं को रखा जाना असंभव सा दिख रहा है और यही कारण है कि अन्ना पशु किसानों की फसलों को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा रहे हैं।वही यह सवाल भी लाजमी है कि प्रदेश सरकार गोवंश की सुरक्षा के लिए उनके बाद और तस्करी पर जहां पूरी तरह से अंकुश लगा रही है ।वही क्षेत्र में पशु तस्करी सरकारी मंसूबों के विपरीत स्थानीय पुलिस के संरक्षण में बखूबी चल रही है।
यह बात तो सही है की अन्ना मवेशियों से किसान त्रस्त है। और उनकी फसलें नष्ट हो रही हैं किंतु पुलिस का यह कहना किसानों के हित को देखते हुए यह तो अच्छा हो रहा है।? कितना उचित है और क्या यह तस्करों के मनोबल को बढ़ाने वाला नहीं है?
क्षेत्र में कथित राजस्थानी लोगों द्वारा पशु को इकट्ठा किए जाने के पीछे क्या मंशा है और इन्हें कौन कंटेनर ओं में लात कर ले जाता है और इन्हें किस गौशाला में रखा जाता है या इनका बध किया जाता है यह स्थानीय प्रशासन की जांच का विषय है ना कि यह कहकर टालने का विषय है कि किसानों के हित में जो यह हो रहा है वह ठीक हो रहा है।
सबसे मजेदार बात यह है कि आज थाना बकेवर के वार्षिक मुआयने में उप पुलिस अधीक्षक योगेंद्र सिंह मलिक भी मौजूद थे और उसी समय थाने में मौजूद उप निरीक्षकों को इसकी जानकारी उपलब्ध कराई गई इसके बावजूद इसकी जांच न करना सवालिया निशान लगाता है।