अगले वित्त वर्ष में ऋण की मांग दोगुना होकर 9-10 प्रतिशत पर पहुंचेगी

 अगले वित्त वर्ष में ऋण की मांग दोगुना होकर 9-10 प्रतिशत पर पहुंचेगी



न्यूज़।चालू वित्त वर्ष में सरकार द्वारा किए गए उपायों तथा नियामकीय कदमों से अगले वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था को तेजी से उबरने में मदद मिलेगी, जिससे ऋण की मांग में उल्लेखनीय सुधार होगा। क्रिसिल की सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष यानी 2021-22 में ऋण की मांग चार से पांच प्रतिशत बढ़कर दोगुनी होकर 9-10 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। चालू वित्त वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था में आजादी के बाद सबसे बड़ी गिरावट आई है। इसके बावजूद अनुमान है कि बैंक ऋण में चार से पांच प्रतिशत की वृद्धि होगी। क्रिसिल की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 11 प्रतिशत रहेगी। क्रिसिल के वरिष्ठ निदेशक कृष्णन सीतारमन ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में बैंक ऋण में 0.8 प्रतिशत की गिरावट आई थी। उसके बाद तीसरी तिमाही में इसमें सुधार हुआ। तिमाही-दर-तिमाही आधार पर तीसरी तिमाही में ऋण की वृद्धि दर तीन प्रतिशत रही। चौथी तिमाही में भी पिछली तिमाही की तुलना में ऋण की वृद्धि तीन प्रतिशत रहने की उम्मीद है। जून, 2020 में क्रिसिल ने ऋण की वृद्धि दर शून्य से एक प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। सीतारमन ने कहा कि सरकार की तीन लाख करोड़ रुपये की आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) जैसे उपायों से ऋण वृद्धि को समर्थन मिला है।

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