धर्म मार्ग मे अपनो का विरोध भी सकारात्मक हो
गिरिराज शुक्ला
बिंदकी फतेहपुर।मलवा विकास खण्ड के छोटी काशी शिवराजपुर के बम अखाड़ा हनुमान मंदिर मे शुरु सप्तदिवसीय श्रीमदभागवत कथा के तृतीय दिवस बुद्धवार को कथा व्यास गोकरन जी महाराज ने कहा कहा कि धर्म आधारित कर्म ही मानव जीवन में सफलता प्रदान करता है लेकिन सांसारिक सुविधाओं के लिए धर्म का त्याग करना या धर्म परिवर्तन करना और करवाना दोनों अनुचित हैं।चूकि ईश्वर उन्हीं लोगों की पूजा भक्ति को स्वीकारते हैं जो अपने सामाजिक धर्म के अनुसार सांसारिक जीवन व्यतीत करते हैं।भक्त प्रहलाद की कथा प्रसंग का धर्ममय वर्णन करते हुए गोकरन महाराज ने कहा कि धर्म निर्वाहन में अपने सगे संबंधी भी सामने आ जाएं तो उनका विरोध भी सकारात्मक रूप से किया जा सकता है जैसे कि भक्त प्रहलाद ने अपनी धर्म भक्ति के लिए अपने पिता के अनुचित आदेश का विरोध किया था।कथा मे दीपक त्रिपाठी,अवधेश त्रिपाठी,धनन्जय द्विवेदी,आलोक गौड़,प्रदीप तिवारी,वैभव कुमार,शालिकराम दिक्षित,
अमन विश्वकर्मा,प्रवीण सिंह,ब्रजराज सिंह,सुनील शुक्ला,लाला सिंह,विपिन,प्रदीप तिवारी,चुन्नु आदि रहे।