दबंगों के द्वारा रास्ता अवरुद्ध किए जाने से परेशान निषाद समाज के लोग जंगल मे छप्पर डालकर रहने को मजबूर
श्रीकांत श्रीवास्तव
बाँदा संवाददाता।जहां एक तरफ सरकार बड़े-बड़े दावे करती है कि हर गरीब को छत हर गांव तक रोड हर घर तक रास्ता व पानी विजली जैसी सुविधाएं मुहैया कराने के दावे किए जाते हैं।
क्या यह योजनाए वाकई जमीनी स्तर तक पहुंच पाती हैं क्या सरकार की हर योजना का सही से अधिकारियों द्वारा पालन किया जाता है ।
ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें आपको बता दें पूरा मामला जनपद के कमासिन थाना अंतर्गत जोरावरपुर के घोषण मजरे का है जहां पर निषाद समाज के द्वारा आरोप लगाया गया कि उनके 100 वर्ष पुराना रास्ता यादव जाति के लोगों ने रोककर अपना घर खाली करने को मजबूर कर दिया वही रास्ता रोकने से परेशान होकर लगभग 50 घरों के लोग अपना घर छोड़कर जंगल में तंबू वह बरसाती के टेंट बनाकर अस्थाई रूप से रहने के लिए मजबूर है जहां तमाम तरह के विषैले जीव जंतुओं का लगातार खतरा बना रहता है।
वही छोटे-छोटे बच्चों के लिए भी विषैले जीवो से बचाना ग्रामीणों के लिए बहुत ही कठिन होता है इस संबंध में ग्राम प्रधान सहित पीड़ितों ने कई बार प्रार्थना पत्र जिले के उच्च अधिकारियों को प्रेषित किया है। लेकिन आज तक किसी ने कोई कार्यवाही नहीं की है। वही पीड़ितों के द्वारा राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष हीरा ठाकुर के समक्ष पीड़ितों ने अपनी फरियाद सुनाई है। जिसको लेकर उनके द्वारा जिला अधिकारी को आदेशित किया गया है। कि इन लोगों की जो भी समस्याएं हैं। इनका शीघ्र निस्तारण कराया जाए। वहीं जिलाधिकारी के द्वारा एसडीएम बबेरू को निर्देशित किया गया है कि शीघ्र ही इस संबंध में जांच करा कर जिलाधिकारी को सूचित किया जाए व पीड़ितों को न्याय दिलाया जाय।वहीं ग्रामीणों का कहना है कि उनको आने जाने हेतु रास्ता प्रदान किया जाए ताकि किसी भी अनहोनी के समय साधनों का आवागमन उनके घर तक हो सके