सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग उ0प्र0 लखनऊ द्वारा भेजी गई एल0ई0डी0 वीडियो वैन के माध्यम से सजीव प्रसारण दिखाया गया

 सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग उ0प्र0 लखनऊ द्वारा भेजी गई एल0ई0डी0 वीडियो वैन के माध्यम से सजीव प्रसारण दिखाया  गया



फतेहपुर।उत्तर प्रदेश शासन की मंशानुरूप एवं जिलाधिकारी श्रीमती अपूर्वा दुबे के निर्देशों के क्रम में संविधान दिवस के अवसर पर दिल्ली और लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम का जिला दीवानी न्यायलय, कलेक्ट्रेट परिसर फतेहपुर में सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग उ0प्र0 लखनऊ द्वारा भेजी गई एल0ई0डी0 वीडियो वैन के माध्यम से सजीव प्रसारण दिखाया  गया।इस अवसर पर महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द द्वारा सविधान सभा की चर्चाओं का डिजिटल संस्करण, भारत के मूल संविधान की सुलेखित प्रति डिजिटल संस्करण, भारत का अद्यतन संविधान की डिजिटल कॉपी जारी की तथा संवैधानिक लोकतंत्र पर ऑनलाईन प्रश्नोत्तरी का शुभारम्भ किया । उन्होने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान दिवस के दिन आप सबके साथ यहाँ उपस्थित होकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। हम सब जानते हैं कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र देश हैं। 26 नवम्बर 1949 को अंगीकार किया गया था और 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया था । लगभग 7 दशक की अल्प अवधि में भारत के लोगों ने लोकतांत्रिक विकास की एक ऐसी अद्भुत गाथा लिख दी, जिसने समूची दुनिया को विस्मिृृत कर दिया। मैं यह मानता हूं कि भारत की विकास यात्रा हमारे संविधान के बल पर ही आगे बढ़ती जा रही है।आज संविधान सभा की चर्चाओं तथा संविधान के कैलीग्राफ्ट वर्जन और अपडेटेड वर्जन के डिजिटल संस्करण जारी कर दिए गए हैं। इस प्रकार टेक्नोलॉजी की सहायता से ये सभी अमूल्य दस्तावेज सबके लिए सुलभ हो गया। इससे केवल देशवासियों को ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को विशेषकर युवा पीढ़ी को हमारे देश की महानता और क्षमता की जानकारी मिलेगी और भविष्य के लिए मार्गदर्शन प्राप्त होगा। 

संविधान दिवस के अवसर पर जिलाधिकारी श्रीमती अपूर्वा दुबे  ने अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ कलेक्ट्रेट स्थित महात्मा गांधी सभागार में संविधान में उल्लेखित संकल्प को दोहराया कि हम भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा और अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखण्डता, सुनिश्चित करने वाली बन्धुता बढ़ाने के लिए दृढसंकल्प लेते हैं।

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