नवीन स्वास्थ्य केंद्र दमापुर ,फतेहपुर की हालत बद से बदतर
फतेहपुर।प्रदेश की योगी सरकार कहने को बडे बडे दावे कर रही है परंतु जमीनी हकीकत कुछ और है। न्यूज़ आफ फतेहपुर की टीम जब पड़ताल करने तेलियानी ब्लॉक के गांव दमापुर पहुचे तो दस बजे कोई कर्मचारी नहीं मिला। हालांकि सफाई कर्मी समय पर आ कर अपने सफाई के काम मे लग गया।जबकि यहाँ डॉक्टर इरफान करीब साढ़े दस बजे के बाद आए।पूछने पर पता चला कि डॉक्टर साहब स्कूटी से रोजाना फतेहपुर से आते है, कभी कानपुर से भी अप डाउन कर लेते है।शेष कर्मचारियों के तो दर्शन ही नही मिले।दवा की बात तो छोड़ो। यहा एक एक ग्लास पानी के लिये तरस रहे हैं लोग।बताते है कि प्रमुख सचिव के आने पर यह हैंड पाइप बनवाया गया था। फिर बिगड़ गया डॉक्टर साहब को पानी की कोई जरूरत नहीं है।मरीजो को जरूरत होगी तो एक किलोमीटर जाकर पानी लायेगे।
जबकि डॉक्टर स्टॉप के लिये आवास, व पानी की टंकी भी बनी है। पर जब डॉक्टर को वहा रुकना ही नही है तो पानी की टंकी विगड़ी है उनसे क्या मतलब। सफाई कर्मी ने बताया कि जो पेड लगे है उनकी सिचाई तालाब से करता है। एक मरीज अपनी बहन को दिखाने आया था उसने बताया कि उसकी बहन को तेज बुखार है डाक्टर साहब का 2 घंटे इंतजार किया तब डॉक्टर साहब आये।वही पर सहिली आयुर्वेदिक चिकित्सालय में 11,30 तक ताला लगाकर डॉक्टर साहब कही निकल गए थे।ग्रामांचलों में हॉस्पिटल व डाक्टर के लिए आवास इस लिए बनवाये गए थे कि ग्रामीण जनता को लाभ मिले।यहा ठीक ऊलटा है मरीज को दवा तो दूर पीने का पानी नसीब नही है।वह जाए तो जाए कहा अब आखिरी चारा है झोला छाप डॉक्टर।किसान मरता है तो मरे मरीज भगवान भरोसे है।