मां कालरात्रि को प्रिय हैं ये पुष्प, रंग, मंत्र व आरती, इस तरह लगाये मां को भोग
ब्यूरो चीफ- अजय प्रताप
आज नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा की जाती है. मान्यता है कि मां कालरात्रि की पूजा करने से व्यक्ति पर आने वाले आकस्मिक संकटों से रक्षा होती है. मां का यह स्वरूप शत्रु और दुष्टों का संहार करने वाला है. मां दुर्गा की सातवीं शक्ति व सातवें स्वरूप का नाम मां कालरात्रि है।आज के दिन मां कालरात्रि की इस तरह करें पूजा, जानें मंत्र, आरती, भोग विधि
खास बातें
आज है नवरात्रि का 7वां दिन, इस तरह करें मां कालरात्रि की पूजा
नवरात्रि के सातवें दिन आज मां कालरात्रि की होगी पूजा, जानें विधि और कथा
नवरात्रि के सातवें दिन होती है मां कालरात्रि की पूजा, जानें मंत्र, भोग। आज नवरात्रि का सांतवा दिन है. आज के दिन मां कालरात्रि की पूजा की विधान है. मान्यता है कि मां की पूजा करने से व्यक्ति को उसके हर पाप से मुक्ति मिल जाती है. इसके साथ ही शत्रुओं का भी नाश हो जाता है. नवरात्रि के पर्व को हिंदू धर्म में विशेष माना गया है.सप्तमी की तिथि को नवरात्रि के सातवे दिन की पूजा की जाती है. सप्तमी तिथि नवरात्रि में मां कालरात्रि को समर्पित है. इस दिन मां कालरात्रि की पूजा करने से जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होती हैं. इस दिन माता के भक्तों को अत्यंत पवित्र मन से देवी की पूजा-उपासना करनी चाहिए. इस दिन साधक का मन 'सहस्रार' चक्र में स्थित रहता है. देवी कालरात्रि को व्यापक रूप से माता देवी - काली, महाकाली, भद्रकाली, भैरवी, रुद्रानी, चामुंडा, चंडी और दुर्गा के कई विनाशकारी रूपों में से एक माना जाता है. रौद्री और धुमोरना देवी भी कालरात्रि के ही नाम हैं.
मां कालरात्रि का प्रिय रंग और पुष्प
मां कालरात्रि को रातरानी का पुष्प अर्पित करना शुभ माना जाता है.
मां को लाल रंग प्रिय है.
मां कालरात्रि को प्रसन्न करने के मंत्र (Maa Kalratri Mantra)
ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:.
ॐ कालरात्र्यै नम:.
ॐ फट् शत्रून साघय घातय ॐ.
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं दुर्गति नाशिन्यै महामायायै स्वाहा.
मां कालरात्रि की पूजा आज, जानें पूजा विधि,देवी श्लोक,मंत्र व आरती
मां कालरात्रि को लगाएं ये भोग
मां को गुड़ का नैवेद्य अर्पित करें.
अपनी सामर्थ्यनुसार ब्राह्यणों को दान दें.
इससे आकस्मिक संकटों से रक्षा करती हैं.
मां कालरात्रि की आरती (Maa Kalratri Aarti)
कालरात्रि जय जय महाकाली
काल के मुंह से बचाने वाली
दुष्ट संहारिणी नाम तुम्हारा
महा चंडी तेरा अवतारा
पृथ्वी और आकाश पर सारा
महाकाली है तेरा पसारा
खंडा खप्पर रखने वाली
दुष्टों का लहू चखने वाली
कलकत्ता स्थान तुम्हारा
सब जगह देखूं तेरा नजारा
सभी देवता सब नर नारी
गावे स्तुति सभी तुम्हारी
रक्तदंता और अन्नपूर्णा
कृपा करे तो कोई भी दु:ख ना
ना कोई चिंता रहे ना बीमारी
ना कोई गम ना संकट भारी
उस पर कभी कष्ट ना आवे
महाकाली मां जिसे बचावे
तू भी 'भक्त' प्रेम से कह
कालरात्रि मां तेरी जय.