भूसा की कीमतों ने छुआ आसमान किसानों के सामने चारे का संकट खड़ा
भूसा भंडारे पर लगनी चाहिए रोक नहीं तो बढ़ सकता है गौशालाओं का संकट
गेहूं कटाई के समय दाम रहते थे 200से300 रुपए प्रति कुंटल पशुपालन परेशान भूसे का रेट 1000 से लेकर 1100 रुपए बिक रहा है प्रति कुंटल
फतेहपुर। बढ़ते पेट्रोल डीजल के दामों में की वजह से महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी के सामने अब पशुओं के चारे का संकट खड़ा हो गया गेहूं की फसल कटाई अंतिम चरण पर चल रही है लेकिन अभी से भूसे के दाम में पशुपालकों के चेहरों पर लकीरे लदी है अमूमन इस मौसम में 200से300सौ रुपए प्रति कुंटल की दर से बिकने वाला भूसा इस समय 1000 से 1100 प्रति कुंटल की दर से बिक रहा है जब फसल की मौसम में भूसे के दाम आसमान छू रहे हैं तो आने वाले दो चार माह बाद इसमें बेतहाशा वृद्ध की आशंका जताई जा रही है समान पशुपालन एवं गौशाला संचालित करने वाले लोगों के सामने चारे का संकट खड़ा हो गया गन्ने की फसल भी कम बची है ऐसे में गोले की उपलब्धता भी कुछ दिन बाद समाप्त हो जाएगी बरसात के बाद चारे का संकट खड़ा हो सकता है किसानों का कहना है कि गेहूं का रकबा घटा है वहीं दूसरी ओर फसल जल्दी पकने के कारण पैदावार अच्छी नहीं है दाना बहुत पतला है गर्मी ने फसल को समय से पहले पका दिया है फसल की ऊंचाई कम रहने से भूसा भी कब निकल रहा है किसानों के सामने चारे का संकट खड़ा है जबकि गांवों व कस्बे के लोग एडवांस में 1000 प्रति कुंटल के दाम में भूसा खरीद रहे हैं कस्बे के पशुपालकों के स्थिति इतनी खराब है कि पशुओं को खिलाने के लिए भूसा नहीं मिल पा रहा है वह जहां भी भूसा खरीदने जाते हैं तो पता चलता है कि बटाईदार ने किसान ने पहले ही भूसे डंप कर लिया है वजह से कर लिया है किसानों का कहना है कि पैदावार कम होने की वजह से भूसा कम है यही भूसा आने वाले समय में अधिक मूल्य देकर जाएगा जिससे हमारी खेत में लगी लगत लगभग निकलकर आएगी और अच्छा मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा भूसा की कम पैदावार से गौशालाओं के संचालक में बड़ा संकट खड़ा हो सकता है सरकार दौर पर 900 रुपए प्रति गोवंश पर मिलने वाली धनराशि ऐसी महंगाई में ऊंट के मुंह में जीरा वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है पहले भी गौशालाओं चारे की अव्यवस्था सुर्खियों में बनती रही है अब महंगाई की मार गौवंशो का पेट भरना शासन प्रशासन के लिए मुसीबत बनने से इनकार नहीं किया जा सकता।