संभव अभियान के तहत चिन्हित हो रहे कुपोषित बच्चे
कुपोषित बच्चों का पोषण पुनर्वास केंद्र में चलेगा इलाज
फतेहपुर। बच्चों को कुपोषण की जद से निकालकर सुपोषित बनाने के लिये शासन व प्रशासन स्तर से कई प्रयास किये जा रहे हैं। इसके तहत एक जुलाई से संभव पोषण संवर्धन अभियान शुरू हो गया है जो दो अक्तूबर तक चलेगा। अभियान के तहत कुपोषित बच्चों को चिन्हित किया जा रहा है।
अभियान के तहत अतिकुपोषित, मध्यम गंभीर कुपोषित व अल्प वजन वाले बच्चों को चिन्हित किया जा रहा है। साथ ही आंगनबाडी केंद्र पर विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का भी आयोजन किया जा रहा हैं। आंगनबाडी केंद्र गडरियनपुरवा, रेडइया, आबूनगर में अभियान के तहत 69 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। सुपरवाइजर अमिता श्रीवास्तव ने बताया कि वर्तमान में चल रहे आंगनबाडी केंद्रों पर छह साल तक के बच्चों का वजन लिया जा रहा है। इससे कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों को चयन कर उसके स्वास्थ्य में सुधार लाया जायेगा। बच्चों का आंकडा भी एकत्र किया जा रहा है। आंगनबाडी केंद्र में बच्चों के साथ आई मां पूनम देवी ने बताया कि उनका बच्चा तीन वर्ष का है और कमजोर है। आंगनबाडी कार्यकत्री ने बच्चे का स्वास्थ्य परीक्षण किया है और पोषक आहार बच्चे को खिलाने की जानकारी दी है। इसी प्रकार केंद्र आई नरगिस ने बताया कि तीन वर्षीय बेटा है जिसका वजन कम है, कुछ खाता भी नहीं है। कार्यकत्री कहा है कि बच्चे को एनआरसी सेंटर में इलाज होगा तो बच्चा स्वस्थ हो जायेगा।
डीपीओ साहब सिंह यादव ने बताया कि अभियान में आंगनबाडी केंद्रों पर विभिन्न कार्यक्रम गृह भ्रमण, स्वास्थ्य जांच, चिकित्सीय उपचार, पोषण परामर्श, व्यक्तिव स्वच्छता कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। इसमें स्वास्थ्य, पंचायती राज, पशुपालन, शिक्षा, खाद्य एवं रसद, ग्राम्य विकास एवं आयुष विभाग को शामिल किया गया है।
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बेहतर काम करने पर मिलेगा पुरस्कार
डीपीओ ने बताया कि तीन माह तक चलने वाले अभियान का मुख्य उददेश्य सैम, मैम एवं अल्प वजन बच्चों की पोषण स्थिति में सुधार लाना है। इसमें बेहतर कार्य करने वाले जिले के तीन आंगनबाडी केंद्रों में तीन मुख्य सेविकाओं तथा तीन बाल विकास परियोजना अधिकारी को चयनित कर शासन द्वारा पुरस्कृत किया जायेगा।