जिला अस्पताल में डेंगू वार्ड तैयार, मरीजों को मिलेगा बेहतर इलाज

 जिला अस्पताल में डेंगू वार्ड तैयार, मरीजों को मिलेगा बेहतर इलाज 



बारिश और बाढ़ के बीच फैल रही मौसमी बीमारियां


फतेहपुर। बारिश और बाढ़ के बीच फैल रही मौसमी बीमारियों को देखते हुये स्वास्थ्य विभाग चौकन्ना हो गया है। जिला अस्पताल में डेंगू से निपटने के लिए जहां वार्ड तैयार किये गये हैं तो वहीं ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में भी बेड की अलग से व्यवस्था की गयी है। जनपद में अभी तक डेंगू के तीन और मलेरिया के 28 मरीज मिल चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग बीमारियों से निपटने के लिए व्यवस्थायें कर रहा है। डेंगू का पता लगाने के लिए मरीजों की जांच कर एलाइजा टेस्ट के लिये सेंपल मेडिकल कालेज कानपुर भेजा जा रहा है। 

सीएमएस डा.आर0एम0 गुप्ता ने बताया डेंगू के मरीजों के लिये पर्याप्त दवाइयां हैं। लैब में बराबर बीमारियों का पता लगाने के लिए जांच का काम भी हो रहा है। मलेरिया का पता लगाने को स्लाइड बनायी जा रही है। मरीज में डेंगू की पुष्टि होने के बाद तुरंत इलाज शुरू कर दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि 20 हजार मलेरिया किट की अलग से डिमांड की गयी है। टायफाइड की जाचं के लिए तीन हजार की मंाग की गयी है। अभी जो मौसमी बीमारियां हैं उसको देखते हुये पूरी तरह से नजर रखी जा रही है। जिला अस्पताल में भर्ती मलेरिया रोगी सनगांव के मोहम्मद एजाज ने बताया कि दो सप्ताह पहले बुखार आया था जिला अस्पताल आये तो डाक्टर ने पहले खून की जांच कराई फिर भर्ती कर इलाज शुरू किया अब बहुत आराम है। इसी प्रकार गोपालगंज की सुनीता ने बताया कि उनके बेटे मोनू को बुखार था हालत गंभीर होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया अब ठीक है। 

जिला अस्पताल के फिजीशियन डा0 केके पांडेय ने बताया कि सर्दी, जुकाम, खांसी और बुखार से बचाव के लिए बारिश के पानी से दूर रहें। उल्टी तथा दस्त से बचाव के लिए उन्होने बताया कि साफ पीने के पानी का प्रयोग करें तथा घर का बना हुआ ताजा खाना खायें, बासी खाना खाने से परहेज करें। बाजार की कोई भी खुली हुई चीज बिलकुल न खायें। घर के आस-पास साफदृसफाई रखें तथा कहीं भी (कूलर, छत पर पड़े टायर, गमले, नारियल के खोल, टीन के डिब्बों आदि में) पानी न इकट्ठा होने दें, जिससे उसमें लार्वा न पनप सकें। बच्चों को पूरी आस्तीन के कपड़े पहनाएँ एवं कमरे में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। मच्छर से बचने के लिए अन्य साधनों का भी उपयोग कर सकते हैं। अगर ठंड देकर बुखार आ रहा है मलेरिया हो सकता है, तो खून की जांच करायें तथा यथाशीघ्र इलाज करना सुनिश्चित करें। डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स कम हो सकती हैं, ऐसे में प्लेटलेट्स की जल्दी-जल्दी जांच कराना जरूरी होता है। 


इनसेट --

साफ पानी में पनपता है डेंगू का मच्छर-डीएमओ

फतेहपुर। जिला मलेरिया अधिकारी सुजाता ठाकुर ने बताया कि जिले में अभी डेंगू के 3 व मलेरिया के 28 केस है। डेंगू फैलाने वाला एडीज मच्छर साफ पानी में पैदा होता है और यह दिन के समय काटता है। डेंगू की बीमारी संक्रमित एडीज मच्छर द्वारा काटे जाने पर फैलती है। सामान्यतः डेंगू बीमारी ज्वार के रूप में उत्पन्न होती है। उचित इलाज न होने पर इससे जान भी जा सकती है। इस बीमारी से ग्रसित लोगों को अचानक तेज बुखार, कमर, जोड़ों व सिर में असहनीय दर्द होता है। 


डेंगू के लक्षणरू

ऽअचानक सिर में तेज दर्द के साथ बुखार आना।

ऽमांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना।

ऽआंखों के पीछे दर्द होना।

ऽजी मिचलाना, उल्टी आना।

ऽगंभीर मामलों में मुंह, नाक व मसूड़ों से खून आना।

ऽत्वचा पर चकत्ते उभरना।

बचाव के उपायरू

ऽडेंगू का संदेश होने पर सरकारी अस्पताल व ऽनजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच कराएं।

ऽपानी के भरे हुए बर्तन को ढक कर रखें।

ऽहर सप्ताह कूलर को खाली करके सुखाने के बाद प्रयोग में लाएं।

ऽपूरे बदन को ढकने वाले कपड़े पहने।

ऽप्लेटलेट्स चढ़ाने में शीघ्रता ना करें।

ऽघर और आसपास में पानी जमा ना होने दें।

ऽमच्छर रोधी क्रीम व क्वायल आदि का प्रयोग करें।

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