घंटों चले युद्ध के बाद प्रभु राम के हाथों मारा गया अहंकारी रावण
-----खजूहा कस्बे का ऐतिहासिक मेला
बिंदकी फतेहपुर
मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम तथा अहंकारी रावण की सेना के बीच लंका के मैदान में घंटों युद्ध चला अंत में मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु राम के हाथों अहंकारी रावण का वध होता है और पूरे मेला मैदान में जय जय श्रीराम के उद्घोष होते हैं
शनिवार की दोपहर से ही खजुहा कस्बे के लंका मैदान में मेला देखने वालों की भीड़ आने लगी थी आसपास के गांव की महिलाएं दुकानों में खरीदारी करती नजर आई वहीं बच्चे झूला झूल रहे थे महिलाओं युवाओं ने भी झूले का आनंद लिया महिलाओं ने घरेलू उपयोग की वस्तुएं खरीदी अंधेरा होते ही पूरा मेला मैदान जगमग रोशनी से नहा गया एक तरफ अहंकारी रावण तथा उसकी सेना ऊंचे टीले में विराजमान थे रावण का पुतला तथा उसकी सेना के लोगों के पुतले की जगमग रोशनी और भी भव्यता प्रदान कर रही थी वहीं दूसरी और मर्यादा पुरुषोत्तम राम और उनकी सेना लंका मैदान में मौजूद थे युद्ध के दौरान लक्ष्मण को शक्ति लगती है और वह मूर्छित हो जाते हैं ऐसा माना जाता है कि यहां पर लक्ष्मण को सचमुच की शक्ति लगती है और वह मूर्छित हो जाते हैं जब वीर हनुमान सजीवन बूटी लाते हैं इसके बाद लक्ष्मण को मूर्छा समाप्त होती है और एक बार फिर युद्ध चालू हो जाता है मैं तो युद्ध चलता है अंत में अहंकारी रावण का वध किया जाता है और पूरे मेला मैदान में जय जय श्री राम का उद्घोष हो जाता है देर रात तक मेला चलता रहा महिलाओं युवाओं ने जमकर खरीददारी की लोगों ने गोलगप्पे खाए वहीं भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन भारी संख्या में मौजूद था महिला पुलिस भी मौजूद थे मेला कमेटी के लोग देर रात तक मेला को पूरी तरह से उस सकुशल संपन्न कराने में लगे रहे