अबला पर होता रहा जुर्म, सूचना के बाद भी थानाध्यक्ष बेखबर

 अबला पर होता रहा जुर्म, सूचना के बाद भी थानाध्यक्ष बेखबर



जहानाबाद (फतेहपुर)।प्रदेश की योगी सरकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए नित नए आयाम स्थापित कर रही है परंतु शायद जहानाबाद थाना योगी जी के शासन के बाहर आता है तभी तो यहां पर प्रदेश के मुखिया का आदेश लागू नहीं है।

घटना है फतेहपुर जनपद के जहानाबाद थाना क्षेत्र के बसफरा  गांव की है पीड़िता के अनुसार पिछले 1 माह से खूनी संघर्ष चल रहा है और थानाध्यक्ष को सब कुछ ज्ञात होते हुए भी पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है।

इसी क्रम में विगत 17 अक्टूबर को भी एक खूनी संघर्ष हुआ जिसमें अर्चना यादव पुत्री स्वर्गीय राम लाल यादव के ऊपर हमला बोलते हुए उसकी टांग तोड़ दी गई परंतु फिर भी स्थानीय पुलिस के लिए यह कोई गंभीर समस्या नहीं थी। भुक्तभोगी अर्चना यादव ने बताया कि चल रहे संघर्ष के दौरान ही उसने थानाध्यक्ष को फोन किया था कि उसकी जान को खतरा है परंतु थाना अध्यक्ष का इस मामले को गंभीरता से ना लेना कहीं ना कहीं अपराधियों के साथ संलिप्तता को दर्शाता है। पीड़िता ने बताया कि उसके भाई मनीष, अर्पित, बेंदा उर्फ राघवेंद्र की बेजा हरकतों के चलते करीब एक दशक पहले उसके स्वर्गीय पिता रामलाल ने उक्त लोगों को चंद् संभ्रांत लोगों के मध्य अपने घर एवं संपत्ति से बेदखल कर दिया था परंतु अब गांव के कुछ लोगों के उकसावे में आकर उक्त लोग बार-बार मुझ पर हमला कर रहे हैं और पिछली 17 अक्टूबर को मेरी टांग तोड़ दी गई परंतु पुलिस ने इसको गंभीरता से नहीं लिया और मुझसे ही कहती रही कि तुम ड्रामा कर रही हो।

इस घटना के बाद महिला जिले के मुखिया पुलिस कप्तान राजेश सिंह के चौखट पर अपनी गुहार लेकर पहुंची जहां उनके आदेश पर स्थानीय थाने पर मुकदमा दर्ज कराया गया एवं चिकित्सीय कार्य शुरू हुआ तब तब पता चला कि महिला का पैर बुरी तरीके से टूट गया है महिला के पैर की सर्जरी  और टूटे हुए पैर में जिला अस्पताल में इमप्लांट डाला गया है महिला सदर अस्पताल में भर्ती है महिला का कहना है कि मारपीट के दौरान गांव के ही एक कथित पत्रकार ने महिला के साथ अश्लील हरकत की है इसकी भी तहरीर दी गई है परंतु पुलिस द्वारा अभी तक इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया है (जबकि उक्त महिला स्वयं भी एक अखबार की पत्रकार है) जिससे यह साबित होता है कि कहीं ना कहीं इस केस में विपक्षी के साथ पुलिस की संलिप्तता है यदि हमारे साथ न्याय नहीं हुआ तो हम प्रदेश के आला अधिकारियों के साथ-साथ प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ से भी मिलकर अपनी फरियाद रखेंगे और यदि आवश्यक हुआ तो आमरण अनशन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे क्योंकि लोगों ने मेरा जीना मुश्किल कर रखा है।

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