शीतलहर के कारण बढ़ रहा हाइपोथर्मिया का खतरा
शीतलहर के कारण बढ़ रहा हाइपोथर्मिया का खतरा


डॉक्टर बोले, बच्चों को सर्दी से बचाने में कंगारू मदर केयर तकनीक सहायक

फतेहपुर। ठंड ने अपने पैर पूरी तरह से जमा लिए हैं। बढ़ती ठंड के साथ-साथ बीमारियों का भी खतरा बढ़ गया है। जुकाम, खांसी, बुखार के साथ ही हाइपोथर्मिया जैसी स्थिति का भी खतरा बना रहता है। यह कहना है जिला अस्पताल के फिजीशियन डॉ एन0के सक्सेना का। उन्होंने बताया कि हाइपोथर्मिया एक स्थिति होती है। जब तेज ठंड की वजह से हमारा शरीर और दिमाग जमने लगता है। आम भाषा में हम इसे ठंड लगना कहते हैं। इस बीमारी में रोगी के हाथ-पांव ठंडे पड़ने लगते हैं, काम करना बंद कर देते हैं, पेट में असहनीय पीड़ा होने लगती है। हाइपोथर्मिया का खतरा सबसे ज्यादा छोटे बच्चों और बुजुर्गों को होता है। जानलेवा साबित हो रही कड़कड़ाती ठंड इसमें उनका शरीर नीला पड़ने लगता है। कई बार हाइपोथर्मिया जानलेवा भी हो सकता है। खाली पेट रहने से हाइपोथर्मिया का खतरा भी ज्यादा होता है। उन्होंने बताया कि इस समय अस्पताल में प्रतिदिन 5 से 6 मरीज़ इस रोग से ग्रस्त आए रहे हैं। उन्होंने अपील है कि इस सर्दी के मौसम में खुद को बचा कर रखें। अनावश्यक घर से बाहर न निकलें, अगर किसी काम से बाहर जाना पड़ रहा है तो अपने शरीर को ढक कर रखें।

इनसेट -

कंगारू मदर केयर नवजात को बचाने में सहायक

फतेहपुर। जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ मूलचंद्र बताते हैं कि नवजात शिशु का शरीर बेहद संवेदनशील होता है। उन्हें बीमारियों से बचाने के लिए ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है। ऐसे में कंगारू मदर केयर तकनीक द्वारा शिशु को मां अपने सीने से चिपका कर अपने शरीर की गर्माहट से बच्चे के शरीर के तापमान को बनाए रखती है। जिससे हाइपोथर्मिया से शिशु को बचाया जा सकता है। डॉक्टर का कहना है अगर मां बीमार है और बच्चे को कंगारू मदर केयर नहीं दे सकती है तो परिवार का कोई भी सदस्य बच्चे को ऐसा कर सकता है।

ऐसे पहचानें हाइपोथर्मिया के लक्षण ---

शरीर का तापमान अगर 95 डिग्री से कम हो जाए या शरीर पर्याप्त गर्मी न पैदा कर पाए, तो हाइपोथर्मिया की स्थिति पैदा हो जाती है। इस बीमारी में रोगी की आवाज धीमी हो जाती है या उसे नींद आने लगती है। पूरा शरीर कांपने लगता है। हाथ-पैर जकड़ने लगते हैं। दिमाग शरीर का नियंत्रण खोने लगता है। वहीं ठंड के मौसम में शराब पीने से अचानक से गर्मी लगने लगती है तो ये हाइपोथर्मिया की चेतावनी हो सकती है। ठंड लगने पर हृदय की गति सामान्य से तेज हो जाती है।

क्या है इसका सटीक उपचार --

ऐसी स्थिति में मांसपेशियां तापमान का लेवल बनाए रखने के लिए एनर्जी रिलीज करती हैं। शराब पीने से हाथ-पैर की नसें फैलती हैं लेकिन ऐसे में खून का प्रवाह कम हो जाता है। इससे हाथ-पांव ठंडे होने लगते हैं मगर इस बात का भ्रम होता है कि ये गर्म हैं। हाइपोथर्मिया के रोगी को सबसे पहले गर्म कपड़ों से ढककर किसी गर्म कमरे या गर्म जगह पर लिटा दें। ध्यान रहे ऐसी स्थिति में सीधे गर्मी देना खतरनाक हो सकता है इसलिए आग के पास या हीटर के पास मरीज को सीधे न ले जाएं। हाइपोथर्मिया के मरीज को बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा ना देंl
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