भाजपा: समीक्षा नगरीय चुनाव, बढ़ी सीटे, बढ़ा वोट बैंक

 भाजपा: समीक्षा नगरीय चुनाव, बढ़ी सीटे, बढ़ा वोट बैंक



भाजपा के सियासी नज़रिये से संतोषजनक रहे निकाय चुनाव के परिणाम


 ज़िले की आधी नगरीय सीटों पर पार्टी का हुआ कब्ज़ा, दोगुना हुईं सभासद की सीटे


पिछली बार मिली थी सिर्फ़ खागा सीट, इस बार खागा के साथ साथ बहुआ, किशुनपुर, घाता व नपाप बिंदकी सीट भी जीती


पहली बार बहुआ सीट पर हुआ भाजपा का कब्ज़ा, पांच में चार महिलाएं बनी चेयरमैन


नपाप फतेहपुर बोर्ड में पहली बार बैठेंगे 13 सभासद, सदर सीट पर भी भाजपा का बढ़ा जनाधार, लगभग बारह हज़ार वोट मिले ज्यादा


आसन्न लोस चुनाव के दृष्टिगत नगरीय क्षेत्रों में बढ़ा सत्तारूढ़ दल का जनाधार


भाजपा सिर्फ दल नहीं एक विचारधारा वाली है पार्टी, सभी जातियों का मिला समर्थन: आशीष*


तो फिर क्यों न मामूली या ज्यादा वोटो से पराजय वाली सीटों पर इलाकाई अलंबरदारों की तय हो जवाबदेही


फतेहपुर। सूबे में पिछ्ले सप्ताह संपन्न हुए नागर निकाय चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन पूर्व चुनावों के मुकाबले काफी बेहतर रहा। आंकड़ों पर गौर करें तो इस बार एक नगर पालिका परिषद और चार नगर पंचायतों पर पार्टी का कब्ज़ा हुआ है, "योगी राज वन" में हुए पिछ्ले चुनाव में सिर्फ़ नगर पंचायत खागा सीट ही भाजपा के खाते में गई थी। सभासदों के दृष्टिगत भी भाजपा को पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार लगभग दोगुना सीटे मिली हैं। इन परिणामों को राजनैतिक दृष्टिकोण से ज़िले के नगरीय क्षेत्रों में भाजपा के बढ़ते जनाधार के नज़रिए से भी देखा जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि हाल में सम्पन्न हुए निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को जनपद में पांच सीटे मिली है। निकाय चुनाव के इतिहास में कभी भी भाजपा का प्रदर्शन इतना बेहतर नहीं रहा। इस बार नगर पालिका परिषद बिंदकी में भाजपा प्रत्याशी राधा साहू, नगर पंचायत खागा में गीता सिंह, नगर पंचायत बहुआ में रेखा वर्मा सोनी, किशनपुर में सुरेन्द्र सोनकर एवं घाता में भाजपा की  रेखा सरोज चेयरमैन बनीं हैं।

बताते चलें कि 2017 के विधानसभा चुनावों में ज़िले की सभी आधा दर्जन विधान सभा सीटों पर सत्तारूढ़ दलों का कब्ज़ा था। विस चुनाव के कुछ ही समय बाद हुए पिछले निकाय चुनाव में उस समय की सात नपाप व नप सीटों में बमुश्किल सिर्फ़ खागा नगर पंचायत की सीट पर ही भाजपा प्रत्याशी गीता सिंह चुनाव जीत पाई थीं। योगी राज टू में नए परिसीमन के बाद हुए इस बार के चुनाव में तीन नगर पंचायतों (घाता, खखरेरू व असोथर) की बढ़ोत्तरी के साथ कुल दस सीटे थी जिनमें ज़िला संगठन की रणनीति कुछ ऐसी रही कि नगर पालिका परिषद बिंदकी समेत नगर पंचायत खागा, बहुआ, किशनपुर एवं घाता चेयरमैन की सीटो पर भाजपा प्रत्याशी विजई हुए। इतना ही नहीं जहां पर भाजपा प्रत्याशी नहीं भी जीत पाए वहां जीत-हार का अंतर ज्यादा नहीं रहा। भाजपाई सियासत के दृष्टिगत इसे ख़ासकर नगरीय चुनाव में पार्टी के बढ़ते जनाधार के नज़रिए से भी देखा जा रहा है। इन संभावनाओ से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि सियासतदार हालाती कारणों को गंभीरता से लेते तो नगर पालिका परिषद फतेहपुर की सीट पर भी भाजपा का कब्ज़ा हो सकता था...! यहां पर यह कहना कतई गलत न होगा कि जिन सीटों पर मामूली या अधिक अंतर से भाजपा प्रत्याशियो की हार हुईं है, उसके लिए उस क्षेत्र के जिम्मेदारों और अलंबरदारो की जवाबदेही अवश्य तय होनी चाहिए, जिससे लोकसभा चुनाव में संघर्ष की स्थिति न आने पाए।

महज़ 1864 वोटो के मामूली अंतर से फतेहपुर सदर नगर पालिका परिषद की सीट गवानें के बावजूद भाजपाईयों के नज़रिए से यहां मिले वोट संतोषजनक कहे जा सकते हैं। यहां मिले वोट इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाते हैं कि पिछ्ले निकाय चुनाव में जब सदर विधान सभा सीट पर भाजपा का विधायक था, उस समय पार्टी प्रत्याशी अर्चना त्रिपाठी को चौबीस हज़ार के क़रीब ही वोट मिल पाए थे और भाजपा यह सीट पौने तीन हज़ार के क़रीब वोटो के अन्तर से हार गई थी, इस बार इस सीट पर पार्टी प्रत्याशी प्रमोद द्विवेदी को मिले 36159 वोट इसलिए भी कम महत्वपूर्ण नहीं हैं कि मौजूदा समय में फतेहपुर सदर विधान सभा सीट समाजवादी पार्टी के पास है। विधायकी विपक्ष के पास होने के बावजूद भाजपा सिर्फ़ 1864 वोटो के अन्तर से ही नपाप फतेहपुर सीट से दूर रह गई।

निकाय चुनाव के आंकड़े जनपद की अन्य उन सीटों पर वोटो के दृष्टिकोण से भी बहुत ज्यादा चिंता में डालने वाले नहीं कहे जा सकते हैं जहां पर भाजपा प्रत्याशियों को पराजय का मुंह देखना पड़ा है। क्योंकि लोकसभा चुनाव के अब एक वर्ष से भी कम समय बचा है, ऐसे में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के लिए निकाय चुनाव के परिणाम कम से कम इस जनपद में नगरीय क्षेत्र में तो ठीक ठाक माने जा रहे हैं, जानकर कहते हैं कि बहुआ सीट जिस पर कभी भी भाजपा प्रत्याशी जीत के क़रीब भी नहीं पहुंच पाया था, वहां पर पहली बार भाजपा प्रत्याशी रेखा वर्मा सोनी की जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि यह सीट भी सदर विधान सभा क्षेत्र में आती है, जहां गैर भाजपाई विधायक है।

निकाय चुनाव के दृष्टिगत ज़िले में भाजपा के प्रदर्शन को वरिष्ठ भाजपा नेता डा. शिव प्रसाद त्रिपाठी, ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह, स्वरुप राज सिंह जूली, धनंजय द्विवेदी, ओम मिश्रा, अभिषेक श्रीवास्तव व भाजपा युवा मोर्चा के ज़िला महासचिव प्रसून तिवारी पूर्व के मुकाबले मौजूदा चुनाव में प्रदर्शन को काफी बेहतर तथा संतोषजनक मानते हैं और दावा करते हैं कि भविष्य में परिणाम और बेहतर होंगे। सभी का मानना है कि मतदाताओं ने प्रत्येक सीट चाहे चेयरमैन के लिए हो या सभासद के लिए सभी जगह पूरी शिद्दत से भाजपा प्रत्याशियो का समर्थन किया है, हम जनमानस के फ़ैसले का स्वागत करते हैं। उधर भाजपा ज़िला अध्यक्ष आशीष मिश्रा कहते हैं कि भाजपा के ज़िला और सभी फ्रंटल संगठनो ने पूरे मनोयोग से भाजपा प्रत्याशियो के लिए जान झोंकी है। उनका यह भी कहना है कि सभी पदाधिकारियों और पार्टी के पूर्व व मौजूदा जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ अन्य वरिष्ठ व युवा तथा महिला नेताओं के काबिले तारीफ़ प्रयासो का ही नतीजा है कि ज्यादातर परिणाम पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में आए हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में परिणाम और बेहतर हों इसके प्रयास अभी से शुरु किए जायेंगे। उन्होंने दावा किया कि लोकसभा चुनाव में पार्टी को फिर एक बार ऐतिहासिक जीत हासिल होगी। ज़िला अध्यक्ष का यह भी दावा है कि सभी जातियों ने भाजपा को वोट दिया है, सभी का समर्थन मिला है। भाजपा सिर्फ़ दल नहीं एक विचारधारा वाली पार्टी है, जिसके अकेले इस जनपद में लाखों सदस्य व कार्यकर्ता पूरे मनोयोग से इस विचारधारा के लिए काम करते हैं।

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