मंत्री कृषि, उत्तर प्रदेश सरकार सूर्य प्रताप शाही की अध्यक्षता में मण्डलीय खरीफ गोष्ठी-2023 का किया गया आयोजन

 मंत्री कृषि,  उत्तर प्रदेश सरकार  सूर्य प्रताप शाही की अध्यक्षता में मण्डलीय खरीफ गोष्ठी-2023 का किया गया आयोजन 




बांदा - मंत्री कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान विभाग उत्तर प्रदेश सरकार  सूर्य प्रताप शाही के मुख्य आतिथ्य में तथा कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में कानपुर, झांसी एवं चित्रकूटधाम मण्डल बांदा की मण्डलीय खरीफ गोष्ठी-2023 का आयोजन कृषि विश्व विद्यालय बांदा में किया गया। खरीफ गोष्ठी का शुभारम्भ कृषि मंत्री, सांसद एवं कृषि उत्पादन आयुक्त तथा अन्य जनप्रतिनिधियों के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया गया।

कृषि मंत्री ने मण्डलीय खरीफ गोष्ठी-2023 में उपस्थित अधिकारियों एवं किसानों को सम्बोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश देेश में गेंहूॅ, दूध, दलहन व तिलहन के उत्पादन में अग्रणी श्रेणी में है। सरकार गाॅव, गरीब व किसानों के हितों में बदलाव लाने का कार्य कर रही है। किसानों के बिजली बिल का बकाया शेष नही रहा है। सरकार किसानों से गेंहॅू खरीद रू0 2125/- की करके गरीब व असहाय लोगों को निःशुल्क वितरण कर रही है। बुन्देलखण्ड में 11 लाख हे0 क्षेत्रफल खरीफ में बढा है तथा प्रदेश में देश का एक तिहाई गेंहॅू का रिकार्ड उत्पादन किया जा रहा है। बुन्देलखण्ड में 27 हजार से अधिक खेत-तालाब जल संरक्षण हेतु बनाये गये हैं तथा कुशुम योजना के अन्तर्गत 5 हजार सोलर पम्प दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि जलवायुु परिवर्तन का सबसे अधिक प्रभाव खेती पर पडता है इसलिए वनीकरण भी कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों के हितो को देखते हुए केन्द व प्रदेश सरकार द्वारा गत 9 वर्षों में किसानों पर कोई टैक्स नही लगाया गया है, इसके साथ ही डीएपी व यूरिया की कीमतों में कमी भी की गयी है। उन्होंने कहा कि किसानों को खेती के लिए पर्याप्त खाद, बीज एवं सिंचाई की व्यवस्था की जा रही है।

उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड प्राकृतिक खेती के लिए अनुकूल एवं यहां के लिए वरदान है। उन्होंने कहा कि श्रीअन्न की खेती में उत्पन्न उत्पादन पोषण युक्त होता है। सरकार 186 करोड़ रूपये श्रीअन्न की खेती के प्रोत्साहन हेतु दे रही है। उन्होंने बताया कि जनपद हमीरपुर में प्राकृतिक खेती हेतु 68 करोड़ रूपये दिये गये हैं। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से कहा कि बुन्देलखण्ड के प्रत्येक गाॅव में एक-एक एफपीओ तैयार करायें, जिससे आने वाले समय में किसान समृद्ध हो सकेगें। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के 2 करोड़ 60 लाख किसानों के खाते में किसान सम्मान निधि की सहायता धनराशि भी भेजी गयी है। उन्होंने कहा कि किसान समय से अपनी फसलों की बुवाई करें, जिससे उत्पादन अधिक होगा। उन्होंने कहा कि कृषि विश्व विद्यालय बांदा में एक्सीलेेन्ट सेन्टर में खीरा, टमाटर, लौकी, प्याज तथा तरोई आदि का बेहतर उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि यंत्रों के उपकरण आॅनलाइन करके ब्लाक स्तर पर किसानों को वितरित किये जाने की व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने कृषि विभाग से सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि किसानों के हितों में संचालित विभिन्न योजनाओं को पूरी पारिदर्शिता एवं ईमानदाारी के साथ अंतिम पंक्ति के लाभार्थी तक लाभ पहुंचाये। गोष्ठी में मंत्री जी द्वारा प्रगतिशील किसान विज्ञान शुक्ला, श्री प्रेम सिंह तथा पीएम कुशुम योजना अन्तर्गत  प्रहलाद सिंह, प्रमोद कुमार एवं पीएमकेएसवाई योजनान्तर्गत निर्भय सिंह, लल्लन प्रसाद, शिव बहादुर सिंह, कल्लू प्रसाद, मिनी किट शिव विशाल एवं राजेन्द्र दत्त को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।

जलशक्ति राज्यमंत्री  रामकेश निषाद ने गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि खेती हेतु जल संचयन की आवश्यकता है, इसके लिए खेत का पानी खेत में रखने के लिए मेडबन्दी करके खेतों में पानी एकत्र करें, जिससे किसानों को सिंचाई में इसका लाभ होगा। उन्होंने कहा कि जायद व खरीफ की खेती में किसान उन्नतशील बीजों का प्रयोग करके उत्पादकता को बढायें। अटल भूजल योजना, खेत तालाब योजना से जल संरक्षण का कार्य किया जा रहा है। मोटे अनाज व श्रीअन्न की खेती को बढाने के लिए तथा प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए मा0 प्रधानमंत्री जी एवं मा0 मुख्यमंत्री जी उत्तर प्रदेश सरकार किसानों के  हित परम्परागत खेती को बढावा देने का कार्य किया जा रहा है।

सांसद बांदा-चित्रकूट आर0के0सिंह पटेल ने कहा कि पहले जमानेे में खेती को उत्तम माना जाता था और खेती-बारी और दूध-दुहान आदि का कार्य किया जाता था। किसान खेती के कार्य के साथ दुग्ध उत्पादन हेतु पशुपालन करें, जिससे उन्हें लाभ होगा। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र का मुख्य उत्पादन दलहन, तिलहन, चना, मसूर रहे हैं। उन्होंने प्र्राकृतिक खेती पर जोर देते हुए कहा कि स्वयं सहायता समूहों का संचालन कर महिलायें आत्मनिर्भर एवं स्वावलम्बी हो रही हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के उत्पादन की मार्केटिंग के लिए सरकार द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं, जिससे कि उन्हें उत्पादन का उचित मूल्य मिल सकेे।

कृषि उत्पादन आयुक्त श्री मनोज कुमार सिंह ने कहा कि किसान खेती के साथ विभिन्न फसलों का उत्पादन करते हैं वह फलों व सब्जी का उत्पादन भी करें, क्योंकि इसका सबसे बडा बाजार है, जिससे किसानोें को सीधा लाभ होगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश विभिन्न पन्द्रह फसलों के उत्पादन में बेहतर श्रेणी में है। उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी कम होने का कारण है कि खरीफ फसलों में कम क्षेत्रफल में खेती की जाती है इसलिए किसान खरीफ की खेती में खेतों को खाली न छोडकर खेती का क्षेत्रफल बढायें। उन्होंने कहा कि किसानों को दुनिया की मांग एवं मार्केट के अनुसार खेती-बाडी करनी होगी, जिससे उनके उत्पाद को अधिक मूल्य मिल सके। उन्होंने कहा कि संगठित होकर कलस्टर के रूप में खेती करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसानों के हित में कृषि उत्पादों की बिक्री मण्डी में करने हेतु मण्डी टैक्स हटा लिया गया है। उन्होंने अलीगढ़ में बासमती चावल की संगठित खेती एवं बुलन्दशहर में गाजर की खेती का उदाहरण देते हुए कहा कि एफपीओ किसानों के साथ मिलकर कार्य करें, जिससे उन्हें लाभ होगा। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड में जलवायु के अनुसार कठिया गेंहॅू के उत्पादन के साथ प्राकृतिक खेती बेहतर रूप से की जा सकती है।

आयुक्त श्री आर0पी0सिंह ने गोष्ठी में कहा कि कृषि की विभिन्न फसलों के उत्पादन की दृष्टि से वर्ष 2023 में 4.90 लाख मै0टन लक्ष्य रखा गया है, जो गत वर्ष की तुलना में लगभग 36 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने बताया कि मण्डल में खरीफ फसल में 11.86 कु0 प्रति हे0 लक्ष्य है। मण्डल में पर्याप्त खाद, बीज की उपलब्धता की गयी है। पीएम किसान सम्मान निधि योजना में 738322 किसानों  को रू0 1596.75 करोड़ रूपये की धनराशि आॅनलाइन खाते में दी गयी है। मा0 प्रधानमंत्री जी के द्वारा श्रीअन्न को बढावा देने तथा इस खेती हेतु किसानों को जागरूक कर इसकी अधिक क्षेत्रफल में खेती करने हेतु किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने किसानोें को बागानों के विस्तार के लिए माइक्रोइरीगेशन योजना के तहत 80से90 प्रतिशत तक अनुदान दिये जाने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि जल संचयन हेतु अमृत सरोवर का निर्माण, खेत-तालाब बनाये जाने के साथ सघन वृृक्षारोपण भी किया जा रहा है। उन्होंने फूड प्रोसेसिंग हेतु मार्केटिंग की व्यवस्था कराये जाने के सम्बन्ध में अवगत कराया।

गोष्ठी में विधायक सदर  प्रकाश द्विवेदी, विधायक नरैनी श्रीमती ओममणि वर्मा तथा आयुक्त कानपुर मण्डल श्री एम0लोकेश ने भी किसानों को सम्बोधित करते हुए विचार व्यक्त किये तथा किसानों के हितों में किये जा रहे कार्यों के सम्बन्ध में जानकारी दी। गोष्ठी में कृषि सचिव राजशेखर, कृषि निदेशक एवं उद्यान निदेशक ने कृषि विभाग एवं उद्यान विभाग द्वारा किसानों केे हितों में संचालित प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण एवं लाभकारी योजनाओं की जानकारी देते हुए इन योजनाओं का लाभ प्राप्त करने हेतु प्रेरित किया।

गोष्ठी में तकनीकी शत्र में कृषि वैज्ञानिक प्रो0 ए0केश्रीवास्तव ने फलों के उत्पादन एवं दुग्ध उत्पादन, डाॅ0 राकेश पाण्डेय द्वारा कीटों से बचाव के सम्बन्ध तथा डाॅ0 ए0के0दीक्षित द्वारा चारा विकास एवं हरा चारा उत्पादन किये जाने के सम्बन्ध तथा कृषि वैज्ञानिकों द्वारा फलों एवं सब्जियों की खेती किये जाने के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी गई।

जिलाधिकारी बांदा श्रीमती दुुर्गा शक्ति नागपाल ने गोष्ठी में कृषि मंत्री एवं कृषि उत्पादन आयुक्त तथा अन्य उपस्थित जनप्रतिनिधियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि गोष्ठी में मा0 मंत्री जी द्वारा दिये गये निर्देशों एवं किसानों के द्वारा प्राप्त सुझावों को ध्यान रखते हुए अनुपालन कराया जायेगा।

गोष्ठी में जिला पंचायत अध्यक्ष  सुनील पटेल, जिलाध्यक्ष संजय सिंह, मण्डलों के संयुक्त विकास आयुक्त, मुख्य विकास अधिकारी सहित कृषि  विभाग से जुडे अधिकारी गण तथा बडी संख्या में प्रगतिशील किसान उपस्थित रहे।

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