अप्रशिक्षित ट्रक ड्राइवरों सें नहीं थम रहा मातम का दौर*

 *अप्रशिक्षित ट्रक ड्राइवरों सें नहीं थम रहा मातम का दौर*

      


बिना किसी प्रशिक्षण के जारी हो रहें फतेहपुर के ए०आर०ओ० आफिस से ड्राइविंग लाईसेन्श सूत्रों के मुताबिक महज दो रूपये के पेपर के नाम पर वसूलें जातें है रिश्वतखोरीं कर 14से 15 हजार हैवी-कामार्शियल वाहनों के लाईसेन्श के लिए

 

करोड़ों का जी०एस०टी०की हर माह हो रही चोरी,न कोई रसीद और न ही कोई पेपर,यदि सही तरीकें से फतेहपूर जनपद के कमार्शियल और बाईक और कार के लाईसेंन्श धारकों से पूछताड और पडताड़ हो जायें तो खुल सकतें हैं बडें राज


सड़कों में लापरवाही ने तीन माह में लील ली सैकड़ों लोगों की जान,इसका मुख्य कारण अप्रशिक्षित ड्राइविंग, इन्ट्री,लोकेशन बाजों का फैला जनपद में जाल


कहीं सूनी हो रही मांग तो कहीं सूनी हो रही गोद


फतेहपुर -फतेहपुर जनपद में भलें ही रोड सेप्टी और सडक सुरक्षा का आयोजन होता हो लेकिन इसकें लिए महज कागजों में ही खेल होता आ रहा है।सडक सुरक्षा आयोजन को सम्पन्न करानें के लिए महज आफिस के और बाहर बैठे दलालों की उपास्थित दर्ज करवाकर इतिश्री कर ली जाती है यहाँ किसी का भाई,बेटा,पति और अन्य रिस्तेदारों की जिन्दगी सडकों पर अप्रशिक्षित ड्राइविंग और बेतरतीब चालकों की वजह से गोद और लोगों का सहारा छिन रहीं है।लेकिन इनसें क्या मतलब रिश्वतखोरी करकें ड्रारविंग लाईसेंनश जारी कर अपना उल्टू सीधा करनें से मतलब,आपको बतातें चलें कि पिछले कुछ माह से जनपद की सड़कें खूनी हो गई हैं। लोगों की जरा सी लापरवाही  जानलेवा साबित हो रही है। वर्ष 2024 की शुरुआत से मार्च के अंत तक के आंकड़ों पर गौर करें तो फतेहपुर में लगभग एक सैकड़ा से अधिक लोग सड़क हादसों में दम तोड़ चुके हैं। इस लिहाज से हर दिन होने वाली मौतों का आंकड़ा लगभग दो से तीन या उससे अधिक है यानि औसतन तीन महीनों में मरने वालों सख्यां औसत कोरोना से भी कहीं अधिक है। कोरोना के समय में लॉकडाउन के चलते दुर्घटनाओं में कुछ कमी आई थी मगर बीते वर्ष व इस वर्ष संख्या बेतहाशा बढ़ गई है। इसका *मुख्य कारण फतेहपुर के एआरटीओ आफिस से जारी ड्राइवरी लाइसेंस* जो कि बिना किसी टेक्निकल अफसर और प्रशिक्षण के हैवी कामर्शियल ड्राइविंग लाईसेन्श जारी होना बताया जा रहा है। कोरोना पर तो देश ने काबू पा लिया लेकिन सड़क हादसों में बड़ी संख्या में लोग लगातार दम तोड़ रहे हैं और उसकी संख्या कम होने की जगह लगातार बढ़ती जा रही है।मुख्यमंत्री के सडक सुरक्षा ने साफ कहा है कि बिना किसी टेक्निकल अफसर के ड्रारविंग लाईसेन्श जारी न किया जाय।इसका बाकयदा सर्कुलर भी जारी किया गया है।बिना भी धडाल्लें से लाईसेंन्श जारी हुयें है। यातायात माह, सड़क सुरक्षा माह में जागरूकता के बाद भी सड़क दुर्घटनाओं में मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा।

- *नियमो की लापरवाही पड़ रही भारी*

सड़क दुर्घटनाओं के पीछे की असली वजह चालकों की लापरवाही है। जानकारों की मानें तो सड़क पर ड्राइविंग करने वालों में अप्रशिक्षितों की संख्या काफी अधिक है। सड़कें पहले से काफी बेहतर हुई हैं, ऐसे में बहुत तेज गति से गाड़ी चलाना भी हादसों की बड़ी वजह है। तमाम दोपहिया वाहन हेलमेट का प्रयोग और ट्रैफिक सिग्नल का पालन भी नहीं करते। वहीं सड़क हादसों में तमाम मौतें ऐसी भी हैं, जिन्हें समय से इलाज मुहैया नहीं हो सका। फतेहपुर के कुछ वाहनों ने नाम न छापनें की शर्त पर बताया कि भैया इस आफिस का एक प्राईवेट दलाल और एक आफिस के चपरासी है जो रिश्वतखोरी में अपनी असम भूमिका निभाता है।वहीं ईस ए०आर०टी०ओ०आफिस का एक  बाबू आपने को अफसर से ऊचा पावर फुल समझता है।तभी तो खुद एक वायरल आडियों में बोलता हैं मैडम ने सारा जिम्मा हमें सौप दिया है कि ईस मैटर को खत्म करवाओं।वहीं अगर कुछ बाबूओं और चपरासियों की बात की जाए तो जो प्रतिदिन अन्य जनपदों सें कारों से आवागमन करतें है तो उनका भी रिकार्ड टोल प्लाजा से लिया जा सकता है कि कितना बेतन भत्ता से ईनकें वाहनों का खर्च होता है।खैर कुछ भी हो पोल बहुत जल्द खुलेगी और वाकयदा प्रमुख सचिव परिवहन से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक इस आफिस के भ्रष्ट व्यवस्था की पोल खुलेगी।एक शिकायत कर्ता नें बडें स्तर भ्रष्टाचार की पोल खोलनें की कमर कस ली है।

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