गुप्त नवरात्र के चौथे के दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है. तंत्र और मंत्र सिद्धि के लिए मां भुवनेश्वरी की महाविद्या की पूजा की जाती है. मां कुष्मांडा को सफेद कोहड़ा, फल, सूखे मेवे और सौभाग्य का सामान अर्पित कर मां को हलवे और दही का भोग लगाना चाहिए.।गुप्त नवरात्र में तंत्र साधना और मंत्र सिद्धि के लिए मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है. गुप्त नवरात्र में शक्ति साधना का संपादन आसानी से घर में ही किया जा सकता है. इस महाविद्याओं की साधना के लिए यह सबसे अच्छा समय होता है. गुप्त व चमत्कारिक शक्तियां प्राप्त करने का यह श्रेष्ठ अवसर होता है.मां कुष्मांडा की ऐसे करे पूजा : इस दिन लोग नवरात्र की तरह मां कुष्मांडा की पूजा करते हैं. वही, तंत्र और मंत्र सिद्धि के लिए मां भुवनेश्वरी की महाविद्या की पूजा की जाती है. मां कुष्मांडा को सफेद कोहड़ा, फल, सूखे मेवे और सौभाग्य का सामान अर्पित कर मां को हलवे और दही का भोग लगाना चाहिए. नवरात्र के चौथे के दिन सबसे महत्वपूर्ण अनाहत चक्र को जागृत किया जाता है. जो हमारा मिलन हमारी आत्मा से करवाता है. इस चक्र के जागरण से किसी भी चीज के प्रति उत्पन्न डर खत्म होता है और व्यक्ति में ईमानदारी की भावना का विकास होता है।गुप्त स्थान पर करें ये गुप्त पूजा :नवरात्र में जातक आध्यात्मिक और मानसिक शक्ति प्राप्त करने के लिए अनेक प्रकार के उपवास, संयम, नियम, भजन, पूजन योग साधना आदि करते हैं. चारों नवरात्र में माता के सभी 51 शक्ति पीठ पर भक्त विशेष रुप से माता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. माघ मास की नवरात्र को गुप्त नवरात्र कहते हैं. गुप्त नवरात्र में शिव व शक्ति की उपासना की जाती है. गुप्त नवरात्र में साधक गुप्त साधनाएं करने गुप्त स्थान पर जाते हैं.

 गुप्त नवरात्र के चौथे के दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है. तंत्र और मंत्र सिद्धि के लिए मां भुवनेश्वरी की महाविद्या की पूजा की जाती है. मां कुष्मांडा को सफेद कोहड़ा, फल, सूखे मेवे और सौभाग्य का सामान अर्पित कर मां को हलवे और दही का भोग लगाना चाहिए.।गुप्त नवरात्र में तंत्र साधना और मंत्र सिद्धि के लिए मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है. गुप्त नवरात्र में शक्ति साधना का संपादन आसानी से घर में ही किया जा सकता है. इस महाविद्याओं की साधना के लिए यह सबसे अच्छा समय होता है. गुप्त व चमत्कारिक शक्तियां प्राप्त करने का यह श्रेष्ठ अवसर होता है.

मां कुष्मांडा की ऐसे करे पूजा : इस दिन लोग नवरात्र की तरह मां कुष्मांडा की पूजा करते हैं. वही, तंत्र और मंत्र सिद्धि के लिए मां भुवनेश्वरी की महाविद्या की पूजा की जाती है. मां कुष्मांडा को सफेद कोहड़ा, फल, सूखे मेवे और सौभाग्य का सामान अर्पित कर मां को हलवे और दही का भोग लगाना चाहिए. नवरात्र के चौथे के दिन सबसे महत्वपूर्ण अनाहत चक्र को जागृत किया जाता है. जो हमारा मिलन हमारी आत्मा से करवाता है. इस चक्र के जागरण से किसी भी चीज के प्रति उत्पन्न डर खत्म होता है और व्यक्ति में ईमानदारी की भावना का विकास होता है।

गुप्त स्थान पर करें ये गुप्त पूजा :नवरात्र में जातक आध्यात्मिक और मानसिक शक्ति प्राप्त करने के लिए अनेक प्रकार के उपवास, संयम, नियम, भजन, पूजन योग साधना आदि करते हैं. चारों नवरात्र में माता के सभी 51 शक्ति पीठ पर भक्त विशेष रुप से माता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. माघ मास की नवरात्र को गुप्त नवरात्र कहते हैं. गुप्त नवरात्र में शिव व शक्ति की उपासना की जाती है. गुप्त नवरात्र में साधक गुप्त साधनाएं करने गुप्त स्थान पर जाते हैं.

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